केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर ने शनिवार को कहा कि सीएए को ''जल्द से जल्द'' लागू किया जाएगा और जो लोग इस कानून का विरोध कर रहे हैं वे राजनीतिक कारणों से ऐसा कर रहे हैं।
ठाकुर ने पिछले रविवार को दावा किया था कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम पूरे देश में "एक सप्ताह के भीतर" लागू किया जाएगा, जिसके बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि भाजपा ने चुनाव से ठीक पहले सीएए का मुद्दा "अवसरवादी रूप से उठाया", जबकि उन्होंने जोर देकर कहा, "जब तक वह जीवित हैं, राज्य में इसे कभी लागू नहीं होने देंगी।"
केंद्रीय जहाजरानी एवं बंदरगाह राज्य मंत्री ठाकुर ने एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा, ''सीएए देश की मांग है...इस मुद्दे पर (सीएए को लागू करने का) कोई भी विरोध मायने नहीं रखता (केंद्र के लिए)।" उन्होंने कहा, "यह हमारा वादा है और हम कभी भी अपने शब्दों से पीछे नहीं हटते। केंद्र इसे पूरा करेगा।" ठाकुर ने कहा कि संसद के दोनों सदन पहले ही विधेयक पारित कर चुके हैं जो लोगों की इच्छा को दर्शाता है।
ठाकुर ने कहा, "जो लोग सीएए का विरोध कर रहे हैं, वे राजनीतिक कारणों से ऐसा कर रहे हैं और स्थिति (अपने घरों से विस्थापित अप्रवासियों के सामने) पर सहानुभूतिपूर्ण नजरिया नहीं रख रहे हैं।" 2019 में अधिनियमित सीएए, 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में प्रवेश करने वाले बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाइयों सहित सताए गए गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करना चाहता है।