सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज आईएनएक्स मीडिया मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को आज जमानत दे दी। चिदंबरम को जमानत मिलने के बाद बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि चिदंबरम जब कांग्रेस सरकार में गृह मंत्री थे तब उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मेरे खिलाफ झूठे मामले दर्ज करवाए थे।
आईएनएक्स मामले में हैं जमानत पर
गडकरी ने कहा, “हम बदला लेने वाले लोग नहीं है। लेकिन दूसरी तरफ चिदंबरम वित्त मंत्री पद पर झूठे मामले दर्ज करवा रहे थे। लेकिन बाद में, हम सभी निर्दोष साबित हुए।” गडकरी ने कहा कि “चिदंबरम के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में पर्याप्त सबूत हैं और उनसे पूछताछ हुई है। मामला विचाराधीन है और अब अदालत ही फैसला करेगी।”
आईएनएक्स मीडिया मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चिदंबरम को आज ही सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति आर भानुमति, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय की खंडपीठ ने जमानत दे दी। इससे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था।
2017 में दर्ज हुआ था भ्रष्टाचार का मामला
जमानत देते हुए शीर्ष अदालत ने माना कि चिदंबरम सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करेंगे और गवाहों को प्रभावित नहीं करेंगे। न वह इस मामले के संबंध में प्रेस से बात करेंगे और न ही सार्वजनिक बयान देंगे। आरोप है कि वित्त मंत्री रहते हुए चिदंबरम ने आईएनएक्स मीडिया को गलत तरीके से विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) मामले में मदद की थी। सीबीआई ने मई 2017 में इस संबंध में भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था। उसी वर्ष के अंत में, ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला भी दर्ज किया था। कांग्रेस नेता को पहली बार 21 अगस्त को इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा गिरफ्तार किया गया था, लेकिन दो महीने बाद सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी थी। जबकि 16 अक्टूबर को उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया था।