उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कासगंज में सांप्रदायिक हिंसा में शामिल लोगों से सख्ती से निपटने के ऐलान के एक दिन बाद सुरक्षा बलों ने संवेदनशील इलाकों में गश्त बढ़ा दी और हिंसा से भयभीत लोगों में विश्वास पैदा करने का प्रयास किया।
अधिकारियों ने बताया कि कासगंज जिले की सीमा पर एटा के मिरहाची क्षेत्र में कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल को रोक दिया गया। कानून व्यवस्था का हवाला दे कर उन्हें संकटग्रस्त क्षेत्र में जाने से रोका गया।
कासगंज के जिला मजिस्ट्रेट आरपी सिंह ने कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल को अनुमति देने से इनकार किया। उनका कहना है संकटग्रस्त क्षेत्र में जाने से और समस्या पैदा हो सकती हैं।
पुलिस ने बताया कि कासगंज में तनाव है लेकिन स्थिति नियंत्रण में है। हिंसा में एक युवक की जान गयी है और दो अन्य घायल हुए हैं ।
अधिकारियों ने बताया कि कासगंज हिंसा पर केन्द्र की ओर से रिपोर्ट तलब की गयी है। रिपोर्ट तैयार हो रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम घटना की रिपोर्ट भेज रहे हैं। शांति बहाली के उपाय किये गए हैं। केन्द्रीय गृह मंत्रालय को रिपोर्ट भेजी जाएगी।’’
शहर में बड़ी तादाद में पुलिस बल तैनात किया गया है। रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) और पीएसी के जवान स्थिति पर नजर बनाये हुए हैं। अफवाहें फैलाने वालों और उपद्रवियों को लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, 'हर नागरिक को सुरक्षा प्रदान करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।' उन्होंने कहा, 'भ्रष्टाचारियों और अराजकता फैलाने वालों से पूरी सख्ती से निपटा जाएगा।'
तनावग्रस्त कासगंज में जाने से कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल को रोका गया
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कासगंज में सांप्रदायिक हिंसा में शामिल लोगों से सख्ती...
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