देश की पहली स्वदेशी कोरोना की दवा भी जल्द मिल सकती है। संक्रमित मरीजों के इलाज में पहली बार इस्तेमाल होने वाली दवा के अंतिम ट्रायल की मंजूरी दे दी गई है। जाइडस कैडिला कंपनी बायोलॉजिकल थेरेपी के जरिये मरीजों का इलाज कर रही है। दूसरे चरण के ट्रायल में जिन 40 मरीजों को दवा दी गई थी उनकी ऑक्सीजन की कमी में भी सुधार देखने को मिला।
अमर उजाला के अनुसार, जाइडस कैडिला कंपनी के एमडी डॉ. शरविल पटेल ने बताया कि ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से मंजूरी मिलने के बाद देश के 25 अस्पतालों में भर्ती 250 मरीजों पर दवा का ट्रायल होगा। दूसरे चरण के ट्रायल में जिन मरीजों को एक खुराक दी गई उनमें 95 फीसदी संक्रमण मुक्त हुए।
बायोलॉजिकल थेरेपी को 2001 में डब्ल्यूएचओ ने जरूरी आवश्यक दवाओं की लिस्ट में जोड़ा था। हेपेटाइटिस सी में इस्तेमाल होने वाली इस दवा को भारतीय बाजार में 2011 में मंजूरी मिली थी।
वहीं, दिल्ली सरकार ने कोरोना टीकाकरण के लिए स्वास्थ्यकर्मियों का नामांकन शुरू कर दिया है। सरकार ने स्वास्थ्य संस्थानों, नर्सिंग होम, ओपीडी व क्लीनिक को नामांकन के लिए अपने कर्मचारियों के नाम भेजने के लिए कहा है। दिल्ली सरकार के अनुसार कई अस्पताल, नर्सिंग होम आदि ने कर्मचारियों का डाटा साझा भी कर दिया है। सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया कि कई छोटे बड़े अस्पतालों ने अपने कर्मचारियों का डाटा शेयर किया है।