दिल्ली की अदालत ने कश्मीरी अलगाववादी नेता शब्बीर शाह की जमानत याचिका एक बार फिर खारिज कर दी। 2007 के टेरर फंडिंग मामले में शाह को गिरफ्तार किया गया था।
पिछले साल 22 अगस्त में शब्बीर शाह की जमानत खारिज कर दी गई थी जिसका प्रवर्तन निदेशालय ने यह कहकर विरोध किया था कि भारत में आतंक को बढ़ावा देने के लिए शाह को रकम मिलती है। बुधवार को नए सिरे से उसने जमानत के लिए अर्जी लगाई थी जिसे पटियाला हाउस अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सिद्धार्थ शर्मा ने खारिज कर दिया। शाह की ओर से एडवोकेट एम एस खान ने दलील दी कि मामले में जांच पूरी हो चुकी है और चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है। मामले में किसी तरह की छेड़छाड़ भी नहीं की जा सकती।
मालूम हो कि टेरर फंड़िंग मामले में अलगाववादी नेताओं से पूछताछ कर रही जांच एजेंसी एनआईए ने एक बड़ा खुलासा किया था। उसके मुताबिक शब्बीर शाह सबसे रईस अलगाववादी नेता है। उनकी दो दर्जन संपत्तियों की जानकारी एनआईए को मिल चुकी है। सन्नत नगर से लेकर बड़गाम, जम्मू, पहलगाम, कादीपोरा, अनंतनाग, श्रीनगर, नारबल और लारपोरा में उनके मकान हैं, उनकी दुकानें हैं या जमीन है। इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने टेरर फंडिंग केस में शब्बीर शाह के साथ सात लोगों को गिरफ्तार किया था। निदेशालय ने कुछ दिन बाद शब्बीर शाह के करीबी हवाला डीलर मोहम्मद असलम वानी को भी पहले ही गिरफ्तार किया था। वानी और शाह दोनों पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज है।