निसर्ग तूफान का बुधवार दोपहर को मुंबई के पास लैंडफॉल हुआ। 120 किलोमीटर की गति से महाराष्ट्र में आने के बाद लगातार कमजोर हो रहा है। इस दौरान शहर में कोविड-19 महामारी के तहत लोगों ने सामाजिक दूरी बनाए रखी। तूफान के कारण रायगढ़ और पालघर जिलों में पेड़ उखड़ गए। वहीं, अलीबाग में बिजली के ट्रांसफॉर्मर की चपेट में आने से 58 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत गई तो पुणे जिले में तूफान से जुड़ी अलग-अलग घटनाओं में दो लोगों की मौत हो गई और तीन घायल हो गए।
मौसम विभाग के मुताबिक, तूफान नॉर्थ-नॉर्थ ईस्ट मध्य महाराष्ट्र की तरफ जा रहा है और अभी पुणे में केंद्रित है। लैंडफॉल करने के बाद से लगातार कमजोर हो रहा है. अब ये एक तूफान है जिसकी गति 65-70 किमी प्रति घंटा है। अगले तीन घंटे में ये एक गहरे डिप्रेशन में बदलेगा। आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि चक्रवात की शुरुआत दोपहर 12.30 बजे अलीबाग में हुई और प्रक्रिया 2.30 बजे पूरी हुई। देर रात तक यह खत्म हो जाएगा। मुंबई में 129 वर्षों में इस पहले चक्रवाती तूफान से तबाही की आशंका थी।
राहत बचाव कार्य जारी
'निसर्ग' महाराष्ट्र के तटीय इलाकों से गुजर चुका है और अब उत्तर महाराष्ट्र तथा गुजरात की ओर बढ़ गया है। इस दौरान निसर्ग के चलते मुंबई, रत्नागिरी, रायगड, नवी मुंबई में जमकर तेज हवाएं चलीं और जोरदार बारिश हुई। बारिश के साथ तूफानी हवाओं ने पूरे शहर में जगह-जगह पेड़ों को गिरा दिया। बीएमसी तथा और राहत-बचाव टीमों के द्वारा इन्हें हटाया जा रहा है।
लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा
मुंबई में लोगों को गुरुवार दोपहर तक घर से बाहर न निकलने की हिदायत दी गई। प्रशासन ने कोरोना वायरस मरीजों सहित करीब 10,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया। निसर्ग तूफान के मद्देनजर मध्य रेलवे ने कई ट्रेनों के रूट बदल दिए और कई ट्रेनों के समय में बदलाव किया। गुजरात में 50 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।
बता दें कि बीती एक सदी में ये पहला चक्रवाती तूफ़ान है जो महाराष्ट्र के तट से टकराया। इससे पहले दो बार चक्रवाती तूफ़ान उठा था लेकिन वो तट से नहीं टकराया और समुद्र में ही कमज़ोर पड़ गया था।