अखिलेश ने हालांकि कहा कि गठबंधन बनाना आसान नहीं है। नेताजी का अनुभव लंबा है। जो लोग गठबंधन से जुड़ना चाहते हैं वे नेताजी से दूर भी रहे हैं और पास भी रहे हैं। कांग्रेस के चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर के साथ मुलाकात के बारे में अखिलेश ने कहा कि पीके ने उनसे मिलने का समय मांगा था। उन्हें समय दे दिया ताकि कोई यह ना कहने पाये कि उनसे मिला नहीं। बैठक बढिया रही।
मुलायम इस समय दिल्ली में हैं। रालोद नेता अजित सिंह और जदयू नेता शरद यादव के साथ उनकी अलग-अलग मुलाकात हुई। इस दौरान मुलायम के छोटे भाई प्रदेश सपा अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव भी मौजूद रहे। राजद प्रमुख लालू प्रसाद भी राष्ट्रीय राजधानी में हैं।
जनता परिवार के सभी नेता पांच नवंबर को सपा के रजत जयंती समारोह में शामिल हुए थे। ये एकजुटता दिखाने का प्रयास भी था। एकजुटता इस बात पर निर्भर करेगी कि 403 सदस्यीय उत्तर प्रदेश विधानसभा की कितनी सीटें रालोद जैसे दलों को देने पर मुलायम राजी होंगे।
भाषा