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दिल्ली के सरकारी और निजी अस्पताल सिर्फ राजधानी के निवासियों के लिएः केजरीवाल

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की है कि केंद्र सरकार के अस्पतालों को छोड़कर बाकी सभी...
दिल्ली के सरकारी और निजी अस्पताल सिर्फ राजधानी के निवासियों के लिएः केजरीवाल

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की है कि केंद्र सरकार के अस्पतालों को छोड़कर बाकी सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पताल सिर्फ राष्ट्रीय राजधानी के मरीजों के लिए उपलब्ध होंगे।

सीएम ने कहा कि यह व्यस्था दिल्ली में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण की गई है। राजधानी में अभी तक कुल 27,654 कोरोना मरीज मिल चुके हैं। यहां 761 लोगों की इस महामारी से मौत हो चुकी है। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के प्राइवेट अस्पतालों में सिर्फ दिल्ली के निवासियों का ही इलाज करने की अनुमति होगी। हालांकि अपवाद स्वरूप उन अस्पतालों को ही बाहर के मरीजों के इलाज की अनुमति होगी, जो इस तरह का इलाज करते हैं, जो कहीं और उपलब्ध नहीं है।

कल से खुलेंगे रेस्टोरेंट, मॉल और धार्मिक स्थल

उन्होंने घोषणा की कि दिल्ली की सीमाएं कल सोमवार से खुल जाएंगे। इसके साथ ही रेस्टोरेंट, मॉल्स और धार्मिक स्थल भी कल से खोलने की अनुमति होगी। होटल और शादी घरों को अभी बंद रखा गया है क्योंकि सरकार को आने वाले समय में उन्हें अस्पतालों में तब्दील करने की जरूरत पड़ सकती है।

केंद्र के अस्पताल सभी के लिए

अस्पतालों के बारे में सीएम ने कहा कि आज हुई कैबिनेट में चिकित्सा सुविधाओं के बारे में फैसला किया गया। सोमवार को राजधानी की सीमाएं खुलने के साथ ही यह व्यवस्था लागू होगी कि दिल्ली सरकार के अस्पतालों में उपलब्ध 10 हजार बेड सिर्फ राजधानी के निवासियों के लिए होंगे। लेकिन केंद्र सरकार के अस्पतालों के 10 हजार बेड सभी मरीजों के लिए होंगे। केंद्र सरकार के अस्पतालों में कोई भी इलाज करवा सकता है। दिल्ली के निजी अस्पताल भी सिर्फ दिल्ली के लोगों के लिए आरक्षित रहेंगे। हालांकि कुछ प्राइवेट अस्पतालों को इस नियम से मुक्त रखा गया है क्योंकि वे देश के दूसरे हिस्सों में अनुपलब्ध सर्जरी और इलाज (जैसे न्यूरोसर्जरी) करते हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली और दूसरे राज्यों के लोगों के बीच यह उचित संतुलन होगा।

हमने पहले कभी मरीजों को इन्कार नहीं किया

इस संवेदनशील मसले पर केजरीवाल कहा कि हमने बाहर के मरीजों को कभी इन्कार नहीं किया। जबकि हमारे यहां के अस्पतालों में 60-70 फीसदी मरीज दूसरे राज्यों के ही होते हैं। सोमवार से दिल्ली की सीमाएं खोल दी जाएंगी। तमाम लोग इलाज के लिए दिल्ली आएंगे। सवाल है कि क्या दिल्ली के अस्पताल इस भार को झेल पाएंगे। स्वास्थ्य सेवाओं के आंकलन के लिए बनी पांच सदस्यीय कमेटी और अधिकांश लोगों ने दिल्ली के अस्पताल स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित करने की सलाह दी है।

 

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