कैलाश मानसरोवर यात्रा पर गए कुछ श्रद्धालुओं ने आरोप लगाया है कि चीन ने उन्हें मानसरोवर झील में पवित्र स्नान करने से रोक दिया है।
हाल में आठ मई को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने घोषणा की थी कि कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए नाथूला दर्रा को खोल दिया गया है। यह घोषणा उन्होंने चीन के विदेश मंत्री वांग यी से बात करने के बाद की थी। उन्होंने कहा था कि जब तक पीपल-टू-पीपल संबंध नहीं बढ़ेंगे, तब तक दोनों सरकारों के बीच रिश्ते समृद्ध नहीं हो सकते।
विदेश मंत्री ने कहा था कि मुझे खुशी है कि कैलाश मानसरोवर यात्रा अब शुरू हो चुकी है। इस यात्रा के लिए नाथूला दर्रा खोल दिया गया है। इससे इस साल करीब 15800 तीर्थयात्री कैलाश मानसरोवर की यात्रा कर पाएंगे, जिसमें 18 बैच में 60 श्रद्धालुओं को लिपुलेख दर्रा मार्ग से और 10 बैच में 50 यात्रियों को नाथू ला पास से होकर भेजा जाएगा। इसके बीस दिन बाद ही अब श्रद्धालुओं ने चीनी प्रशासन पर मानसरोवर झील में पवित्र स्नान नहीं करने देने का आरोप लगाया है।
पिछले साल जून से अगस्त के बीच करीब 72 दिनों तक चले डोकलाम विवाद के बाद चीन ने कैलाश यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए नाथूला दर्रा बंद कर दिया था। इससे कैलाश मानसरोवर तीर्थयात्रियों को बहुत धक्का लगा था।
तय जगह पर ही लगा सकते हैं डुबकीः सुषमा स्वराज
श्रद्धालुओं की शिकायत पर केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि मानसरोवर झील में स्नान करने पर कोई रोक नहीं है, लेकिन इसकी जगह तय है। आप झील में कहीं भी डुबकी नहीं लगा सकते।