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कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से हुईं मौतों का केन्द्र ने राज्य सरकारों से मांगा आंकड़ा, किरकिरी के बाद लिया फैसला

आखिर किरकरी के बाद केन्द्र सरकार ने राज्यों से कहा कि इस साल कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान...
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से हुईं मौतों का केन्द्र ने राज्य सरकारों से मांगा आंकड़ा, किरकिरी के बाद लिया फैसला

आखिर किरकरी के बाद केन्द्र सरकार ने राज्यों से कहा कि इस साल कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से मौतों का आंकड़ा मांग लिया है। सरकार का कहना है कि आंकड़ों को 13 अगस्त को खत्म हो रहे मॉनसून सत्र से पहले संसद के पटल पर रखा जाएगा।

केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने राज्य सभा में एक लिखित जवाब में कहा कि स्वास्थ्य राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशों का विषय है और उनकी तरफ से केन्द्र को नियमित तौर पर रिपोर्ट की जाती हैं. उनसे यह आंकड़े लेकर देश के सामने रखे जाते हैं। इसके बाद से ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई मौतों के मसले पर हंगामा बरपा तो केंद्र सरकार हरकत में आ गई है। सूत्रों की मानें तो अब सरकार ने राज्यों से ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई मौतों के आंकड़े मांगे हैं।

केन्द्र ने संसद में बताया कि किसी भी राज्य या केन्द्र शासित प्रदेशों की तरफ से ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत का मामला सामने नहीं आया है। केन्द्र ने कहा कि उसे राज्य की तरफ से ऑक्सीजन की कमी से मौत का कोई डेटा नहीं दिया गया।

साल की शुरुआत में कोरोना संक्रमण के मामलों में भारी इजाफा होने की वजह से देश की स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह लड़खड़ाती हुईं नजर आई। देशभर के अस्पतालों में बेड, दवाइयों और वैक्सीन की काफी किल्लत हो गई।. साथ ही, मेडिकल ऑक्सीजन की कमी ने स्थिति को और विकराल बना दिया तब भारत को इमरजेंसी के आधार पर कई देशों से ऑक्सीजन को आयात करना पड़ा थ तो कोरोना के मरीजों ने काफी संख्या में ऑक्सीजन न मिलने के चलते दम तोड़ दिया। दिल्ली में भी ऑक्सीजन की कमी से मौत का मामला सामने आया था। एक अस्पताल में 21 मरीजों ने ऑक्सीजन की किल्लत के चलते दम तोड़ दिया था हालांकि, यह मामले अभी हाईकोर्ट में लंबित है।

मई के महीने में गोवा में राज्य सरकार संचालित अस्पताल में करीब 80 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी.।आंध्र प्रदेश के तिरुपति में अस्पताल के आईसीयू में भर्ती 11 कोविड के मरीजों में ऑक्सीजन की आपूर्ति में बाधा आने के चलते दम तोड़ दिया था।  हैदराबाद के अस्पताल में दो घंटे तक ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं हो पाने की वजह से सात लोगों ने दम तोड़ दिया। ऑक्सीजन आपूर्ति को लेकर कई राज्यों ने कोर्ट का रूख किया जबकि, केन्द्र ने ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए ऑक्सजीन एक्सप्रेस की शुरुआत की थी। आलम यह था कि केंद्र और राज्य सरकारें एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाते नजर आए।

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