प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को भारतीय रेल पर्यटन एवं खानपान निगम (आइआरसीटीसी) होटल आवंटन मामले में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और अन्य के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। ईडी के इस कदम से लालू परिवार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। लालू पर रेल मंत्री रहते अवैध ठेका देने का आरोप है।
प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत यह चार्जशीट दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में दाखिल की। चार्जशीट में राजद अध्यक्ष व पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी व पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और बेटे व बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का नाम शामिल है। इनके अलावा लालू के निकट सहयोगी प्रेमचंद्र गुप्ता और उनकी पत्नी सरला गुप्त का भी नाम चार्जशीट में हैं।
साल 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री रहते हुए लालू प्रसाद यादव ने रेलवे के पुरी और रांची स्थित बीएनआर होटल के रखरखाव आदि के लिए आइआरसीटीसी को स्थानांतरित किया था। सीबीआई के मुताबिक, नियम-कानून को ताक पर रखते हुए रेलवे का यह टेंडर विनय कोचर की कंपनी मेसर्स सुजाता होटल्स को दे दिए गए थे। आरोप के मुताबिक, टेंडर दिए जाने के बदले 25 फरवरी, 2005 को कोचर बंधुओं ने पटना के बेली रोड स्थित तीन एकड़ जमीन सरला गुप्ता की कंपनी मेसर्स डिलाइट मार्केटिंग कंपनी लिमिटेड को बेच दी, जबकि बाजार में उसकी कीमत ज्यादा थी।
इस जमीन को कृषि जमीन बताकर सर्कल रेट से काफी कम पर बेच कर स्टांप ड्यूटी में गड़बड़ी की गई। बाद में 2010 से 2014 के बीच यह बेनामी संपत्ति लालू प्रसाद की पारिवारिक कंपनी लारा प्रोजेक्ट को सिर्फ 65 लाख रुपये में ही दे दी गई, जबकि उस समय बाजार में इसकी कीमत करीब 94 करोड़ रुपये थी