Advertisement

‘शारदा पीठ कॉरिडोर के निर्माण का प्रयास हमारी प्राथमिकता’

नई दिल्ली। शारदा पीठ कॉरिडोर पर महर्षि केशवानंद ने कहा," अलग-अलग सरकारों के शासनकाल में पाकिस्तान...
‘शारदा पीठ कॉरिडोर के निर्माण का प्रयास हमारी प्राथमिकता’

नई दिल्ली। शारदा पीठ कॉरिडोर पर महर्षि केशवानंद ने कहा," अलग-अलग सरकारों के शासनकाल में पाकिस्तान नियंत्रण वाले कई स्थानों पर तीर्थयात्रियों के आवागमन की व्यवस्था की गई। लेकिन मां शारदा पीठ की तरफ किसी का ध्यान नहीं गया। इसलिए हमारा प्रयास है कि सत्तारूढ़ सरकार के संज्ञान में इस मुद्दे को लेकर जल्द से जल्द शारदा पीठ में श्रद्धालुओं के लिए कॉरिडोर का निर्माण कराया जा सके।"

नीदरलैंड्स स्थित “इंटरनेशनल आदि शंकराचार्य रिसर्च एंड अवेयरनेस फाउंडेशन”द्वारा आदि शंकराचार्य की 2531वीं जयंती के उपलक्ष्य में रोहिणी में आयोजित कार्यक्रम में महर्षि केशवानंद ने पीओके स्थित शारदा पीठ में दर्शन और पूजा के लिए शीघ्र एक सुरक्षित कॉरीडोर और कश्मीर में शक्ति पीठ सर्किट बनाए जाने की मांग भी उठाई। हाल ही में फाउंडेशन की तरफ से इस बाबत प्रधामंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री को एक ज्ञापन भी भेजा गया है, जिसमें केंद्र सरकार से आग्रह किया गया है कि वह सभी सनातन धर्मावलंबियों के लिए पाक-अधिकृत कश्मीर स्थित शारदा पीठ के दर्शन व पूजन का मार्ग प्रशस्त करें। मौजूदा समय में कश्मीर का माँ शारदा पीठ पाक-अधिकृत कश्मीर के मुजफ्फराबाद जिले की नीलम घाटी में कृष्ण गंगा व मधुमति नदी के संगम पर स्थित है।

एक ब्राह्मण परिवार में जन्मे महर्षि केशवानंद का ज्योतिषशास्त्र में रुझान बचपन से ही था, जिसका श्रेय वह अपने पिता को देते हैं। दिल्ली से वैष्णो देवी तक 750 किलोमीटर की अनेकों बार पदयात्रा कर चुके महर्षि केशवानंद मेडिकल और आध्यात्मिक एस्ट्रोलॉजी सहित दिशाहीनता जैसे विषयों पर रिसर्च कर चुके हैं और देश-विदेश में प्रसिद्ध हैं।

फाउंडेशन के संस्थापक और प्रमुख महर्षि केशवानंद ने वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच दीप प्रज्वलित करते हुए किया, इस भव्य अवसर पर विशेष अतिथि के रूप में उत्तराखंड स्थित जोशीमठ से जगतगुरु देवदित्यानंद जी महाराज, आचार्य मदन जी महाराज, श्री भाई जी,  महंत स्वामी वेदांताचार्य हंसदेव, साध्वी डॉक्टर सुधा भारद्वाज,  रमेश जी महाराज, राष्ट्रीय संत विवेक मुनि जी महाराज, दंडी स्वामी महाराज और वेदांताचार्य स्वामी हंस दास सहित अनेकों विद्वान शामिल हुए।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad