सीबीएसई की 10वीं की परीक्षा रद्द कर दी गई है। छात्रों को अब इसके लिए कोई परीक्षा नहीं देनी होगी। वहीं, 12वीं के छात्र-छात्राओं को दो विकल्प दिए गए हैं। या तो वे आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर अंक पाएं या फिर बाद में परीक्षा में शामिल हों। गुरूवार को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान सीबीएसई ने अपने इस निर्णय की जानकारी दी है। साथ ही ये भी बताया है कि अब किस आधार पर स्टूडेंट्स को अंक दिए जाएंगे और रिजल्ट तैयार किए जाएं।
सीबीएसई बोर्ड की बची परीक्षा को लेकर कुछ अभिभावकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि एम्स के डाटा के अनुसार, कोरोना वायरस आने वाले समय में भारत में अपने चरम पर होगा। ऐसे में परीक्षाओं को रद्द कर दिया जाना चाहिए।
सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सीबीएसई ने 1 से 15 जुलाई को होने वाली 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं को रद्द करने का फैसला किया है। सीबीएसई ने कोर्ट को बताया है कि कक्षा 12वीं के स्टूडेंट्स को दो विकल्प दिए जाएंगे। उन्हें स्कूल में हुए पिछली तीन परीक्षाओं में उनके परफॉर्मेंस के आधार पर अंक दिए जाएंगे। इसके अलावा उन्हें कुछ महीने बाद होने वाली इंप्रूवमेंट परीक्षा में शामिल होने का भी विकल्प दिया जाएगा। स्टूडेंट्स चाहें तो इंप्रूवमेंट एग्जाम देकर अपना स्कोर बेहतर कर सकेंगे।
आंतरिक मूल्यांकन से होनहार छात्रों पर असर
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के साथ बैठक में बोर्ड के अधिकारियों ने कहा था कि 10वीं कक्षा का इंटरनल असेसमेंट से रिजल्ट तैयार करना आसान है। लेकिन 12वीं कक्षा के मामले में इस तरह रिजल्ट तैयार करने में दिक्कत आएगी। क्योंकि 12वीं कक्षा के आधार पर आईआईटी, मेडिकल समेत कई अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों में दाखिला होता है। स्कूल के आंतरिक मूल्यांकन में कई होनहार छात्र भी पीछे हो सकते हैं। इस पर 12वीं के छात्रों के लिए विकल्प का फैसला लिया गया।
12वीं के लिए कल होगी अधिसूचना जारी
केंद्र ने कोर्ट से कहा है कि कक्षा 12वीं के विद्यार्थियों का पिछली परीक्षा के आधार पर मूल्यांकन करने के लिए योजना तैयार कर ली गई है। मार्किंग की नई व्यवस्था समेत बाकी बातों पर कल तक अधिसूचना जारी हो जाएगी। मूल्यांकन के आधार पर 10वीं और 12वीं के नतीजे 15 जुलाई तक घोषित कर दिए जाएंगे। मामले की सुनवाई जस्टिस ए.एम. खानविल्कर की अध्यक्षता वाली बेंच कर रही थी। वहीं, दिल्ली, ओडिशा और महाराष्ट्र सरकार की ओर से परीक्षा न कराए जाने की याचिका पर एडवोकेट ऋषि मल्होत्रा ने दलीलें पेश कीं।
एचआरडी ने कहा था-उसी जिले में होगी परीक्षा
इससे पहले मानव संसाधन विकास मंत्री (एमएचआरडी) रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने कहा था कि जो छात्र अपने घर वापस जा चुके हैं, उनकी परीक्षा उसी जिले में ली जाएगी। जो छात्र अपने राज्य/ जिला में वापस आ चुके हैं, वे अपने स्कूल को सूचित कर सकते हैं। जिसके बाद छात्रों को उसी जिले में परीक्षा में शामिल होने की अनुमति होगी जहां वे वर्तमान में हैं। निशंक ने कहा था कि जून के पहले सप्ताह में छात्रों को सूचित किया जाएगा कि वे किस स्कूल में परीक्षा दे पाएंगे।
नई शीट की घोषणा की गई थी
18 मई को सीबीएसई बोर्ड की 10वीं और 12वी की बची हुई परीक्षाओं के लिए नई डेटशीट की घोषणा की गई थी। ये परीक्षाएं एक से 15 जुलाई के बीच होंगी। बची हुई परीक्षाएं कोरोना वायरस की वजह से स्थगित कर दिया गया था। जिसेक बाद इस बात की आशंका लगातार बनी हुई थी कि स्कूल बंद होने के बाद कई छात्र अब उस स्थान पर नहीं है जहां वो पहले से रह रहे थे।