आज पश्चिमी यूपी के बागपत में पीएम मोदी की रैली है। लेकिन एक दिन पहले ही जिले की बड़ौत तहसील में अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे एक किसान की मौत का मामला गरमा चुका है। गन्ने के बकाया भुगतान और बिजली बिलों समेत कई मांगों को लेकर वहां किसान कई दिनों से धरने पर बैठे थे। जब प्रशासन ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो किसानों ने भूख हड़ताल शुरू कर दी। शनिवार को धरने में शामिल उदयवीर सिंह नाम के किसान ने भीषण गर्मी में दिल का दौरा पड़ने से दम तोड़ दिया। इस घटना को लेकर किसानों में बहुत नाराजगी है।
पश्चिमी यूपी में गन्ने का बकाया भुगतान एक बड़ा मुद्दा है। इस साल बकाया भुगतान रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुका है। किसानों की इस दुर्दशा के बीच पश्चिमी यूपी की सियासत सांप्रदायिक मुद्दाें में उलझी है। किसान की मौत से नाराज़ ग्रामीणों ने कल जमकर हंगामा किया और उसका शव उठाने से इंकार करते रहे।
धरने पर बैठे किसान की मौत की जानकारी मिलते ही रालोद उपाध्यक्ष जयंत चौधरी घटनास्थल की ओर रवाना हो गए। जयंत चौधरी के मुताबिक, "जिमाना गांव के उदयवीर, गन्ना बकाया और बढ़े बिजली बिल के विरोध में क्षेत्र के किसानों के साथ 5 दिन से बड़ौत तहसील पर धरने पर थे। आज लड़ते लड़ते उनका धरनास्थल पर निधन हो गया। किसान इस सरकार को सबक सिखाएगा।"
28 मई को पश्चिमी यूपी के कैराना में उपचुनाव है। आज पास के बागपत जिले में पीएम मोदी ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे का उद्घाटन करेंगे। ऐसे में एक दिन पहले बकाया भुगतान से परेशान किसान की मौत का मुद्दा राजनीतिक रूप से तूल पकड़ सकता है। राष्ट्रीय लोकदल के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी के ट्वीट के बाद रालोद और सपा के नेता मौके पर पहुंचे और किसानों की दुर्दशा का सवाल उठाया। किसान की मौत से
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस घटना को लेकर सरकार पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट किया, "बड़ौत में बिजली के बढ़े दाम व गन्ने के बकाया भुगतान के विरोध में धरने पर बैठे व महोबा, हमीरपुर, बांदा में कर्ज माफ़ी के झूठे वादे के मारे किसानों की मौत, आज कामयाबी गिना रही सरकार का सच बयां कर रही है. खेती, कारोबार, उद्योग व सौहार्द को मारने वाली सरकार का आज से काउण्टडाउन शुरू।"
जिमाना गाँव के श्री उदेवीर, गन्ना बक़ाया और बढ़े बिजली बिल के विरोध में क्षेत्र के किसानो के साथ ५ दिन से बड़ौत तहसील पर धरने पर थे। आज लड़ते लड़ते उनका धरनास्थल पर निधन हो गया। किसान इस सरकार को सबक़ सिखाएगा! #kisan #बागपत pic.twitter.com/DceSp16HiA
— Jayant Chaudhary (@jayantrld) May 26, 2018
गन्ना भुगतान को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे जीवाना गांव के किसान उदय वीर ने बड़ौत तहसील पर दम तोडा@RLDparty @jayantrld pic.twitter.com/lo0xaS56b3
— अभिषेक चौधरी गुर्जर (@abhishek111181) May 26, 2018
छपरौली से पूर्व विधायक डा. अजय कुमार ने 'आउटलुक' को बताया कि जिमाना गांंव का किसान उदयवीर क्षेत्र के अन्य किसानों के साथ 21 मई से धरने पर बैठा हुआ था। गन्ना किसानों को बकाया भुगतान नहीं मिलने से भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, साथ ही बढ़े हुए बिजली के बिलों से क्षेत्र के किसानों में भारी असंतोष है। उन्होंने बताया कि धरने पर बैठे उदयवीर की मौत हार्ट अटैक से हुई। मृतक किसान उदयवीर के परिवजनों को 50 लाख रुपये का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी की देने की मांग की गई है।
रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा गन्ने का बकाया
उल्लेखनीय है कि देश भर की चीनी मिलों पर किसानों के बकाया की राशि बढ़कर 21,700 करोड़ रुपये को पार कर चुकी है तथा इसमें सबसे ज्यादा बकाया उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों पर करीब 13,500 करोड़ रुपये से ज्यादा है। किसानों को गन्ने का भुगतान नहीं होने से भारी आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है जिस कारण किसानों में सरकार के खिलाफ आक्रोश बढ़ रहा है।