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लिंचिंग के दोषियों से जयंत की मुलाकात को लेकर पूर्व नौकरशाहों ने की कैबिनेट से हटाने की मांग

 केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने झारखंड में रामगढ़ लिंचिंग के दोषियों को जमानत मिलने के बाद उनसे...
लिंचिंग के दोषियों से जयंत की मुलाकात को लेकर पूर्व नौकरशाहों ने की कैबिनेट से हटाने की मांग

 केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने झारखंड में रामगढ़ लिंचिंग के दोषियों को जमानत मिलने के बाद उनसे मुलाकात की थी। उन्होंने दोषियों को माला पहनाकर स्वागत किया और मिठाई खिलाई। इस मुद्दे पर अब मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर जूलियो रिबेरो, पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्लाह और 41 पूर्व नौकरशाहों ने केंद्र सरकार से विमानन मंत्री जयंत सिन्हा को कैबिनेट से निकालने की मांग की है। पूर्व नौकरशाहों ने कहा है कि जयंत सिन्हा के इस कदम से ‘अल्पसंख्यकों की हत्या का लाइसेंस’ प्राप्त होने का संदेश जाता है।

एक संयुक्त बयान जारी कर पूर्व नौकरशाहों ने कहा है, कि  अब एक केंद्रीय मंत्री खुलेआम एक आपराधिक मामले को चुनौती दे रहे हैं, वह भी उस मामले को जहां राज्य में उनकी खुद की पार्टी ने आरोपियों को सजा दिलाने के लिए मुकदमा और न्याय दिलाया।  हम जानना चाहते हैं कि केंद्र सरकार इस पर क्या रुख लेगी। उन्होंने कहा कि हम कैबिनेट से तुरंत जयंत सिन्हा को हटाये जाने या उनके इस्तीफे की मांग करते हैं और भाजपा देश के लोगों से माफी मांगे। रिबेरो और हबीबुल्लाह के अलावा, जिन अधिकारियों ने जयंत सिन्हा की बर्खास्तगी की मांग की है, उनमें पुणे के पूर्व पुलिस आयुक्त मीरन बोरवंकर और प्रसार भारती के पूर्व सीईओ जवाहर सरकार शामिल हैं।

सिन्हा ने मांस कारोबारी अलीमुद्दीन अंसारी की पीट-पीटकर हत्या मामले के दोषियों का जेल से बाहर आने पर पिछले हफ्ते स्वागत किया था। सिन्हा ने उन्हें मालाएं पहनाईं, मिठाई खिलाई और तस्वीरें भी खिचवाईं। आरोपितों में भाजपा का एक नेता भी शामिल है। पिछले साल एक अदालत ने इन लोगों को दोषी ठहराते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई थी।लेकिन कुछ दिन पहले रांची हाई कोर्ट ने इनकी सजा पर रोक लगाकर जमानत दे दी थी। इसके बाद ये सभी जयंत सिन्हा के घर पहुंचे थे।

वहीं, अपने बचाव में जयंत सिन्हा का कहना था कि वे इस घटना की जांच से संतुष्ट नहीं है इसलिए उन्होंने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की हैं। इसके साथ ही उनका कहना था, ‘कानून अपना काम करेगा. जो दोषी हैं उन्हें सजा मिलेगी और जो निर्दोष होंगे वे मुक्त हो जाएंगे।’

रामगढ़ लिंचिंग मामला पिछले साल 29 जून है जब भीड़ ने अलीमुद्दीन को मार डाला। सितंबर में पुलिस ने इस मामले में आरोप पत्र दाखिल किया था। इस साल 16 जून को कोर्ट ने 11 लोगों को दोषी करार दिया। 21 मार्च  को सभी दोषियों को ऊम्र कैद की सजा दी गयी, बाद में आठ दोषियों ने हाई कोर्ट में चुनौती दी.। 28  जून 2018 को हाईकोर्ट ने सजा पर रोक लगाते हुए इन्हें जमानत दे दी। मामले में कुछ 12 लोगों पर आरोप लगे थे। 12 वां आरोपी एक नाबालिग है और उसका मामला जुवेनाइल कोर्ट में चल रहा है।

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