प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अपने अमेरिकी दौरे पर संबोधन के दौरान कहा कि जनरल इलेक्ट्रिक कंपनी (GE) ने भारत में फाइटर प्लेन निर्माण करने का फैसला किया है। यह निर्णय भारतीय डिफेंस सेक्टर के लिए मील का पत्थर साबित होने वाला है। दोनों देश बेहतर भविष्य के लिए मजबूत कदम उठा रहे हैं, जिसका फायदा आने वाले समय में देखने को मिलेगा।
वॉशिंगटन डीसी में भारतीय प्रवासियों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, "इन 3 दिनों में, भारत और अमेरिका के संबंधों की एक नई और गौरवशाली यात्रा शुरू हुई है।"
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "यह नई यात्रा वैश्विक स्तर पर हमारे अभिसरण की है। मेक इन इंडिया मेक फॉर द वर्ल्ड...। प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, विनिर्माण सहयोग, औद्योगिक आपूर्ति श्रृंखला, हर जगह समन्वय बढ़ाना हमारा ध्येय है। दोनों देश बेहतर भविष्य की दिशा में मजबूत कदम उठा रहे हैं।" एक बड़ी घोषणा करते हुए जीई एयरोस्पेस ने घोषणा की कि उसने भारतीय वायु सेना के लिए लड़ाकू जेट इंजन बनाने के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।
बता दें कि इस समझौते में भारत में GE एयरोस्पेस के F414 इंजन का संभावित संयुक्त उत्पादन शामिल है। कंपनी द्वारा जारी बयान में कहा गया कि वह निर्यात प्राधिकरण के लिए अमेरिका की सरकार के साथ काम जारी रखेगी। यह प्रयास भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमान एमके2 कार्यक्रम का हिस्सा है। अमेरिकी कंपनी ने कहा कि दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को मजबूत करने में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
गौरतलब है कि वॉशिंगटन डीसी में भारतीय प्रवासियों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने भारत में प्रगति के लिए समुदाय के सदस्यों को धन्यवाद दिया। पीएम मोदी ने कहा, "भारत में इस जबरदस्त प्रगति के पीछे देश के 140 करोड़ लोगों का विश्वास है। मोदी ने अकेले कुछ नहीं किया है।" उन्होंने घोषणा की कि भारतीय मूल के लोगों को एच-1बी वीजा नवीनीकरण के लिए अमेरिका नहीं छोड़ना पड़ेगा।
बता दें कि अब वह राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी के निमंत्रण पर राजकीय यात्रा पर मिस्र जाएंगे। प्रधान मंत्री मोदी ने अपनी अमेरिकी राजकीय यात्रा के दौरान राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ बातचीत की और कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित किया। उन्होंने युवा उद्यमियों को भी संबोधित किया और शीर्ष सीईओ से भी मुलाकात की।