भारत में जर्मनी के राजदूत डॉ. फिलिप एकरमैन सुपर-30 के संस्थापक आनंद कुमार के काम से प्रभावित होकर मंगलवार को पटना में उनके घर पहुंचे। यहां जर्मन राजदूत ने आनंद कुमार, उनके परिवार और उनके छात्रों से मुलाकात की।
इस दौरान, जर्मन राजदूत ने कहा कि उन्होंने आनंद कुमार और सुपर 30 के बारे में बहुत सुना था।शिक्षा के क्षेत्र में किए गए अभूतपूर्व कार्य उन्हें खींच लाए हैं। जर्मन राजदूत डॉ. फिलिप ने मुलाकात के दौरान कोचिंग संस्थान सुपर-30 के जरिये गरीब व वंचित वर्ग के होनहार छात्रों के भविष्य को संवार रहे आनंद कुमार की प्रशंसा करते हुए कहा कि आनंद कुमार सही मायने में शिक्षा की ताकत को दिखा रहे हैं।
इस मुलाकात के विषय में आनंद कुमार ने कहा कि जिस समय वह ज्यादा से ज्यादा छात्रों को शिक्षित करने की अपनी योजना को साकार करने में जुटे हैं, ऐसे में जर्मन राजदूत की यात्रा उनके लिए मोटिवेशन का डोज है। जर्मन राजदूत ने जर्मनी में बदलती शिक्षा प्रणाली के विषय में जानकारी दी।
इससे पहले साल 2014 में पूर्व जर्मन राजदूत माइकल स्टीनर और उनकी पत्नी एलीस स्टीनर भी पटना में सुपर-30 के बच्चों से मिल चुके हैं। अपनी यात्रा के दौरान माइकल स्टीनर ने सुपर-30 के बच्चों से काफी देर बातचीत की और उन्हें लक्ष्य को हासिल करने के लिए मोटिवेट भी किया था। आनंद कुमार भी जर्मनी में शैक्षणिक संस्थानों में भाषण देने गए थे। जर्मनी की उच्च शिक्षा व अनुसंधान मंत्री एवा-मारिया स्टैंज ने शिक्षा के क्षेत्र में उनके काम के लिए सम्मानित भी किया था।
जर्मन राजदूत फिलिप एकरमैन ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र में हो रहे नवीन प्रयोगों के विषय में जानना हमेशा सुखद और रोमांचक होता है। इस तरह की मुलाकात भविष्य के लिए सुखद अवसर पैदा करती है।