बॉम्बे हाईकोर्ट ने बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) को केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के मुंबई स्थित बंगले में किए गए अवैध निर्माण को दो सप्ताह के भीतर गिराने का मंगलवार को निर्देश दिया। साथ ही 10 लाख का फाइन भी लगाया गया है। हाईकोर्ट के इस फैसले को राण के खिलाफ बड़ा झटका बताया जा रहा है।
हाईकोर्ट ने कहा कि निर्माण में ‘फ्लोर स्पेस इंडेक्स’ (एसएसआई) और ‘कोस्टल रेगुलेशन ज़ोन’ (सीआरजेड) नियमों का उल्लंघन किया गया है। बीएमसी ने राणे के बंगले में अवैध निर्माण को लेकर नोटिस भेजा था। बंगले के अवैध निर्माण को मलबे में तब्दील करने में 10 लाख रुपये की लागत आएगी, जो राणे को ही देनी होगी।
बताया जा रहा है कि बंगले की ऊंचाई 11 मीटर से ज्यादा नहीं होगी चाहिए थी, लेकिन इसे 32 मीटर ऊंचा बना दिया गया, जिसके बाद मंगलवार को हाई कोर्ट ने 2 हफ्ते के भीतर अवैध निर्माण को तोड़ने का आदेश दिया है। नारायण राणे को बीएमसी के के-वेस्ट वॉर्ड के अफसर ने नोटिस भेजा था। इसे मुंबई नगर निगम (एमएमसी) अधिनियम की धारा 351 के तहत बीएमसी की ओर से बनाए गए प्लान के उल्लंघन के लिए जारी किया गया था।
बता दें कि राणे परिवार की ओर से पेश वकील शार्दुल सिंह ने बीएमसी की कार्रवाई 6 हफ्ते रोकने की गुहार लगाई थी, ताकि वह सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकें, लेकिन हाई कोर्ट ने इनकार कर दिया। राणे परिवार के स्वामित्व वाली कंपनी कालका रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड ने बंगले के नियमितीकरण के लिए नई एप्लिकेशन दायर कर बीएमसी से निर्देश मांगे थे।