जामिया में हुई हिंसा मामले में एक छात्र की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार, दिल्ली पुलिस और अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। छात्र मोहम्मद मुस्तफा की ओर से याचिका में पुलिस कार्रवाई में कथित तौर पर आई चोटों के लिए एक करोड़ रुपये के मुआवजे और सुरक्षा बलों द्वारा किए गए अपराध के लिए मुकदमा दर्ज किए जाने की मांग की गई है।
याचिकाकर्ता ने कहा है कि शारीरिक और मानसिक नुकसान के लिए कम से कम एक करोड़ रुपये के मुआवजे का भुगतान करने के निर्देश दिए जाए। पुलिस पिटाई के कारण उसे इलाज और और सर्जरी के लिए अस्पताल आने जाने में खर्चा करना पड़ा है जिसकी क्षतिपूर्ति के तौर पर मुआवजा दिया जाए।
कैंपस में दाखिल हुई थी पुलिस
आरोप है कि 15 दिसंबर को जामिया में हिंसक प्रदर्शन के बाद दिल्ली पुलिस यूनिवर्सिटी कैंपस मे दाखिल हुई है और छात्रों के साथ मारपीट की थी। इस कार्रवाई के एक दिन बाद नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन हुआ, जहां कुछ प्रदर्शनकारियों ने दक्षिणी दिल्ली के जामिया नगर इलाके में बसों और वाहनों को आग लगा दी थी।
दिए थे यह निर्देश
जामिया हिंसा मामले में दिल्ली की एक अदालत ने पिछले दिनों यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए पुलिस को रिपोर्ट दर्ज करने का निर्देश दिया है। अदालत से पिछले महीने कैंपस में छात्रों पर पुलिस कार्रवाई के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई थी। मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट रजत गोयल ने 16 मार्च तक दिल्ली पुलिस से रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने दिल्ली पुलिस के खिलाफ दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 156 (3) के तहत विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया था।