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जस्टिस कर्णन ने सुप्रीम कोर्ट में सजा वापसी की गुहार लगाई

कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सी.एस. कर्णन ने आज उच्चतम न्यायालय से अनुरोध किया कि उन्हें न्यायालय की अवमानना का दोषी ठहराने वाला आदेश वापस लिया जाए। शीर्ष अदालत ने नौ मई को अवमानना के मामले में न्यायमूर्ति कर्णन को छह महीने की जेल की सजा सुनाने के साथ ही उनकी तत्काल गिरफ्तारी का आदेश दिया था।
जस्टिस कर्णन ने सुप्रीम कोर्ट में सजा वापसी की गुहार लगाई

 

तीन तलाक के मुद्दे पर आज की सुनवाई समाप्त करने वाली प्रधान न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ के समक्ष न्यायिक आदेश वापस लेने के बारे में याचिका का उल्लेख किया गया तो वह इस पर गौर करने के लिये सहमत हो गयी।

न्यायमूर्ति कर्णन की ओर से वकील मैथ्यू जे नेदुम्परा ने याचिका का उल्लेख किया। प्रधान न्यायाधीश ने उनसे कहा कि उन्हें न्यायाधीश का प्रतिनिधित्व करने के लिए अधिकृत किए जाने संबंधी कागजात दिखाए जाएं। नेदुम्परा ने पीठ को नोटरी किए हुए कागजात दिखाए जिसमें न्यायाधीश की ओर से याचिका दायर करने के लिए उन्हें अधिकृत किया गया है। प्रधान न्यायाधीश ने जब न्यायमूर्ति कर्णन के बारे में पूछा तो वकील ने कहा कि वह चेन्नई में ही हैं।

नेदुम्परा ने यह भी कहा कि 12 एडवोकेट ऑन रिकार्ड न्यायमूर्ति कर्णन का प्रतिनिधित्व करने से इंकार कर चुके हैं। प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली सात सदस्यीय संविधान पीठ ने नौ मई को न्यायमूर्ति कर्णन को न्यायालय की अवमानना का दोषी ठहराते हुए उन्हें छह महीने की जेल की सजा सुनायी थी और पश्चिम बंगाल पुलिस को उन्हें तत्काल हिरासत में लेने का आदेश दिया था।

हालांकि, शीर्ष अदालत का फैसला आने से पहले ही न्यायमूर्ति कोलकाता से बाहर चले गए थे और बताया गया कि वे चेन्नई में ठहरे हुए हैं। पश्चिम बंगाल पुलिस को अभी न्यायाधीश को गिरफ्तार करना है। (एजेंसी)

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