लगातार बारिश और कई इलाकों में बाढ़ का पानी भर जाने से केरल के हालत और गंभीर हो गए हैं। अब तक 324 लोगों की जान जा चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रभावित इलाकों का दौरा करने के लिए शुक्रवार शाम केरल पहुंचे। कोच्चि में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हालात को लेकर मुख्यमंत्री, पिनराई विजयन, केंद्रीय मंत्री के जे अल्फांस और आला अफसरों के साथ बैठक की तथा बाढ़ग्रस्त इलाकों का हवाई दौरा भी किया। राज्य के 11 जिलों में रेड अलर्ट घोषित कर दिया गया है। इसके अलावा सरकार ने घोषणा की कि कोच्चि स्थित नौसेना का एयरपोर्ट सोमवार से कॉमर्सियल विमानों की उड़ान के लिए भी उपलब्ध होगा। सभी मोबाइल ऑपरेटरों ने डेटा और एसएमएस सेवा मुफ्त देेने की भी घोषणा की है।
बैठक में पीएम मोदी ने बाढ़ में हुई लोगों की मौतों पर दुख व्यक्त करते हुए हर संभव मदद करने की बात कही। उन्होंने केंद्र की तरफ से 500 करोड़ रुपये की मदद राशि देने की घोषणा की। उन्होंने केरल में बाढ़ के चपेट में आने वाले मृतकों के परिजनों को दो लाख रुपये की मदद राशि और घायलों को 50 हजार रुपये की मदद राशि दिये जाने का एलान भी किया है। केंद्र केरल के बाढ़ में लोगों की मदद के लिए सौ करोड़ रुपये की राशि पहले भी दे चुका है।
राष्ट्रीय आपदा घोषित होः कांग्रेस
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम मोदी से केरल बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि पूरे केरल और अब कर्नाटक के कोडागु जिले में भारी बारिश से भारी बर्बादी हुई है। यह समय मदद करने का है।
324 की गई जान
हालात के चलते कोच्चि हवाई अड्डे पर 26 अगस्त तक विमानों की आवाजाही रोक दी गई है। इस बीच राज्य में युद्धस्तर पर राहत और बचाव का काम जारी है। बारिश और बाढ़ के कारण शुक्रवार को एक ही दिन में 106 लोगों की मौत के बीच राज्य में ऑक्सीजन की कमी और ईंधन स्टेशनों में ईंधन नहीं होने के कारण संकट और गहरा हो गया। बीते 8 अगस्त से अब तक केरल में जल प्रलय ने 173 लोगों की जान ले ली है।
मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने साफ किया है कि राज्य में 324 मौतों का आंकड़ा 8 अगस्त के बाद का नहीं बल्कि 29 मई से लेकर शुक्रवार तक का है। 8 अगस्त को राज्य में दोबारा बाढ़ आई थी। शुक्रवार को 88,442 लोगों को बचाया गया और अभी 3,14,391 लोग राहत कैंप में हैं। पूरे राज्य में 2094 राहत कैंप स्थापित किए गए हैं, जहां लोगों को भोजन एवं पानी दिया जा रहा है। सेना के 14 हेलीकॉप्टर, एनडीआरएफ की 79 नाव और मछुआरों की 403 नाव बचाव कार्य में जुटी हुई हैं।
दूसरे राज्यों ने बढ़ाए मदद को हाथ
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री राहत कोष से केरल के लिए 10 करोड़ रुपये की सहायता राशि देने का एलान किया है। उत्तर प्रदेश सरकार 15 करोड़ रुपए और राहत सामग्री देगी।
ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक ने पांच करोड़ रुपये की सहायता के अलावा बचाव अभियान के लिए 245 अग्निशमन कर्मियों को नौकाओं के साथ केरल भेजने की घोषणा की है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने बाढ़ पीड़ित केरल के लिए 25 करोड़ रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बाढ़ग्रस्त केरल के लिए दस करोड़ रुपये की तत्काल सहायता मुहैया कराने का एलान किया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केरल बाढ़ प्रभावितों के लिए 10 करोड़ रुपए देने की घोषणा की है। उन्होंने ट्वीट कर बताया कि आप के सभी विधायक, सांसद और मंत्री अपनी एक महीने की सैलरी केरल की मदद के लिए दान देंगे।
संयुक्त अरब अमीरात भी आगे आया
यूनाइटेड अरब अमीरात (यूएई) ने केरल में बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है। यूएई सरकार ने लोगों की मदद करने के लिए एक कमेटी बनाने का फैसला किया है। बाढ़ प्रभावितों की मदद के लिए आईसीआईसीआई बैंक ने 10 करोड़ रुपए देने की घोषणा की। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने केरल में बाढ़ की खतरनाक हालत को देखते हुए वहां के चीफ मिनिस्टर्स डिस्ट्रेस रिलीफ फंड (सीएमडीआरएफ) में दो करोड़ रुपये दान किए। बैंक ने केरल में अपनी सेवाओं पर लगने वाले शुल्क को भी माफ कर दिया है।
बचाव कार्य जोरों पर
एनडीआरएफ कर्मियों के अलावा सेना, नौसेना, वायुसेना के कर्मियों ने बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित इलाकों में अपने-अपने घरों की छतों, ऊंचे स्थानों पर फंसे लोगों को निकालने का कार्य शुरू किया। ऊंचाई वाले इलाकों में पहाड़ों के दरकने के कारण चट्टानों के टूटकर नीचे सड़क पर गिरने से सड़कें अवरुद्ध हो गईं जिससे वहां रहने वालों और गांवों में बचे लोगों का संपर्क बाकी की दुनिया से कट गया है। महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों समेत सैकड़ों लोग ऐसी जगहों पर फंसे हैं जहां नौका से पहुंच पाना मुश्किल है। उन लोगों को रक्षा मंत्रालय के हेलीकॉप्टर की मदद से निकाला गया और सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने लिया संज्ञान
बाढ़ को लेकर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के पैनल को मुल्लापेरियार बांध के पानी के स्तर को 142 फीट से 139 फीट पर करने पर विचार करने को कहा है ताकि उस इलाके में रहने वाले लोग भय के साए में ना रहें। साथ ही आपदा प्रबंधन और पुनर्वास के संबंध में उठाए गए कदमों पर केरल से रिपोर्ट तलब की है। सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी को बैठक करने तथा डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान बनाने के निर्देश दिए। कोर्ट ने कहा कि राहत का काम कैसे हो, ये कोर्ट तय नहीं कर सकता है। हम कोई विशेषज्ञ नहीं हैं इसलिए ऐसी आपदा के दौरान हमें कोई विचार नहीं देने चाहिए।