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लॉकडाउन के उल्लंघन पर गृह मंत्रालय सख्त, बाधा डालने वालों को हो सकती है दो साल की जेल

कोरोनावायरस के फैलते संक्रमण के चलते पूरे देश में लॉकडाउन है फिर भी बहुत जगहों पर लोग इसका उल्लंघन...
लॉकडाउन के उल्लंघन पर गृह मंत्रालय सख्त, बाधा डालने वालों को हो सकती है दो साल की जेल

कोरोनावायरस के फैलते संक्रमण के चलते पूरे देश में लॉकडाउन है फिर भी बहुत जगहों पर लोग इसका उल्लंघन करते देखे जा रहे हैं, जिससे संक्रमण बढ़ता जा रहा है। अब केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा है कि लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों और इसके लिए झूठे दावे करने वालों के खिलाफ आईपीसी और आपदा प्रबंधन कानून की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जाए। इन लोगों को 2 साल तक जेल की सजा भी हो सकती है। केंद्र ने यह निर्देश ऐसे समय दिया है जब देश के कई हिस्सों से स्वास्थ्य कर्मियों पर हमले की खबरें आ रही हैं।

आपदा प्रबंधन राशि के दुरुपयोग पर भी 2 साल की जेल का नियम

केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने इस सिलसिले में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि 24 मार्च को लॉकडाउन के जो उपाय घोषित किए गए थे उसमें स्पष्ट लिखा है कि उल्लंघन करने वालों के खिलाफ आपदा प्रबंधन कानून 2005 की धारा 51 से 60 और आईपीसी की धारा 188 के तहत कार्रवाई की जा सकती है। राज्यों से लोगों को इन धाराओं की जानकारी देने को भी कहा गया है। आईपीसी और आपदा प्रबंधन कानून के प्रावधानों का जिक्र करते हुए भल्ला ने लिखा है कि लॉकडाउन में व्यवधान डालने और झूठे दावे करने वालों को 2 साल के लिए जेल भेजने के साथ जुर्माना भी लगाया जा सकता है। आपदा कार्य के लिए निर्धारित राशि या सामग्री का बेजा इस्तेमाल करने पर भी 2 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।

सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा था कि राज्य सरकारें और नागरिक केंद्र के निर्देशों का पालन करें

गृह सचिव ने 31 मार्च को भी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखा था। उसका जिक्र करते हुए उन्होंने एक बार फिर कहा है कि लॉकडाउन का सख्ती से पालन किया जाए और इसमें किसी तरह की रियायत ना दी जाए। इस संबंध में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का भी हवाला दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जन सुरक्षा को देखते हुए उम्मीद है कि राज्य सरकारें, सरकारी अथॉरिटी और नागरिक केंद्र सरकार के निर्देशों का पूरा पालन करेंगे।

कब और कितनी हो सकती है सजा

उपरोक्त कानूनों के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति किसी सरकारी अधिकारी के कार्य में व्यवधान डालता है या सरकार के निर्देशों का पालन करने से मना करता है तो उसे 1 साल की जेल या जुर्माना या दोनों सजा हो सकती है। अगर व्यक्ति के व्यवधान या आदेश पालन नहीं करने से किसी की जान को खतरा उत्पन्न होता है या किसी की जान चली जाती है तो उसे 2 साल की जेल या जुर्माना या दोनों सजा हो सकती है। इसी तरह गलत चेतावनी जारी करने वाले के लिए भी 1 साल की सजा या जुर्माने का प्रावधान है।

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