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बिहार में वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन की रफ्तार तेज, अब तक 89.7% लोगों ने भरे फॉर्म

भारतीय चुनाव आयोग ने गुरुवार को बताया कि बिहार में मतदाता सूची के चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर)...
बिहार में वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन की रफ्तार तेज, अब तक 89.7% लोगों ने भरे फॉर्म

भारतीय चुनाव आयोग ने गुरुवार को बताया कि बिहार में मतदाता सूची के चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दौरान 89.7 प्रतिशत मौजूदा मतदाताओं ने अपने गणना फॉर्म जमा कर दिए हैं। बता दें कि बिहार के लिए मतदाता सूची का मसौदा 1 अगस्त 2025 को प्रकाशित किया जाएगा।

आयोग ने एक आधिकारिक बयान में कहा, "आज तक, मौजूदा मतदाताओं में से 89.7% ने 1 अगस्त, 2025 को प्रकाशित होने वाली मतदाता सूची के मसौदे में शामिल होने के लिए अपना गणना फॉर्म दे दिया है।"

विज्ञप्ति में कहा गया है, "बीएलओएस के तीन दौरों के बाद भी अपने पते पर नहीं पाए गए मतदाताओं का पुनः सत्यापन करने के लिए, उन मतदाताओं की जानकारी, जो संभवतः मृत हो चुके हैं, स्थायी रूप से स्थानांतरित हो गए हैं या जिन्होंने एक से अधिक स्थानों पर नामांकन कराया है, राजनीतिक दलों के जिला अध्यक्षों/उनके द्वारा नियुक्त 1.5 लाख बूथ स्तरीय एजेंटों के साथ साझा की जा रही है, ताकि 25.07.2025 से पहले ऐसे मतदाताओं की सही स्थिति की पुष्टि की जा सके।"

निर्वाचन आयोग ने बताया कि बिहार के सभी 261 शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) के सभी 5,683 वार्डों में विशेष शिविर भी लगाए जा रहे हैं। इस बीच, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव ने गुरुवार को इस प्रक्रिया को लेकर चुनाव आयोग की कड़ी आलोचना की।

उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, "भारत का चुनाव आयोग भाजपा कार्यालय के निर्देश पर काम कर रहा है। हमने लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया, हम सर्वोच्च न्यायालय गए, यहां तक कि सर्वोच्च न्यायालय ने भी निर्देश दिए, लेकिन ज्ञानेश कुमार (मुख्य चुनाव आयुक्त) ने एक भी प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की और न ही कोई जवाब दिया।"

कांग्रेस नेता और वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी ने रविवार को मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि बिहार में चल रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) में "बड़े पैमाने पर अनियमितताएं" सामने आ रही हैं। उन्होंने चुनाव आयोग की स्वतंत्रता पर भी सवाल उठाया।

उन्होंने इस बात पर भी ध्यान दिलाया कि इस प्रक्रिया के कारण लोगों के बीच जो "अराजकता का माहौल" है, उसके प्रति चुनाव निकाय की चुप्पी है।

कांग्रेस सांसद ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण के नाम पर जो कुछ हो रहा है, उसे देखकर जनता पूछ रही है कि क्या बिहार में 'वोटबंदी' लागू हो रही है?"

मीडिया में प्रकाशित रिपोर्टों के अनुसार, पूरी प्रक्रिया में भारी अनियमितताएँ और धोखाधड़ी सामने आ रही है। जनता में अराजकता का माहौल है और चुनाव आयोग सभी सवालों पर चुप है। ऐसे में यह सवाल उठना लाज़मी है कि चुनाव आयोग किसके लिए काम कर रहा है और उसका उद्देश्य क्या है।

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