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प्राइवेट नौकरी वालों की ग्रेच्युटी सीमा 20 लाख करने का बिल लोकसभा में परित

निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए ग्रेच्युटी की सीमा 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये...
प्राइवेट नौकरी वालों की ग्रेच्युटी सीमा 20 लाख करने का बिल लोकसभा में परित

निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए ग्रेच्युटी की सीमा 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये करने संबंधी ग्रेच्युटी भुगतान (संशोधन) विधेयक, 2017 आज भारी हंगामे के बीच बिना चर्चा के लोकसभा में पारित हो गया। इस विधेयक के राज्य सभा में पारित हो जाने के बाद यह कानून बन जाएगा और सरकार ग्रेच्युटी की सीमा दस लाख से बढ़ाकर 20 लाख कर देगी। यह कर मुक्त होगी।

श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने सदन में बताया कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिश के अनुरूप केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दी गई है। विधेयक में निजी तथा सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए भी ग्रेच्युटी की सीमा 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये करने का प्रावधान है। 
उन्होंने बताया कि महिलाओं कर्मचारियों के लिए मातृत्व अवकाश की सीमा बढ़ाए जाने का भी विधेयक में प्रावधान है। मौजूदा सीमा 12 सप्ताह है और बढ़ी हुई सीमा के बारे में सरकार बाद में अधिसूचना जारी करेगी।

संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने विरोध प्रदर्शन कर रहे सांसदों से अपनी सीटों पर जाने तथा कार्यवाही चलने देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि सरकार पहले दिन से आंध्र प्रदेश, बैंकिंग और कावेरी नदी जल समेत सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। उन्होंने कहा ग्रेच्युटी संबधी विधेयक काफी महत्वपूर्ण है इस पर भी चर्चा की जानी चाहिए। लेकिन विपक्षी सदस्यों ने उनकी बात नहीं मानी। हालांकि कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि इस महत्वपूर्ण विधेयक पर सदन में सभी दलों के सदस्यों द्वारा चर्चा जरूरी है। 

लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने भी माना कि विधेयकों पर चर्चा होनी चाहिए विशेषकर ग्रेच्युटी भुगतान (संशोधन) विधेयक पर लेकिन विपक्ष के हंगामे के कारण उन्होंने श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष कुमार गंगवार को इस बिल के संशोधन को मंजूरी दे दी।

विधि राज्य मंत्री पीपी चौधरी द्वारा पेश ‘विशिष्ट राहत (संशोधन) विधेयक, 2017’ (स्पेशिफिक रिलीफ एमेंडमेंट बिल 2017) को भी विपक्ष के सभी संशोधनों को खारिज करते हुए ध्वनि मत से पारित कर दिया गया।

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