महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना के बीच लोकसभा और विधानसभा चुनाव को लेकर गठबंधन हो गया है। गठबंधन की औपचारिक घोषणा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने की। राज्य की 48 लोकसभा सीटों में से भाजपा 25 और शिवसेना 23 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। फडणवीस के साथ भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
फडणवीस ने कहा, 'दोनों पार्टियों ने साथ आने का निर्णय किया है। हमारा 25 सालों का रिश्ता है। हम पिछला विधानसभा चुनाव साथ नहीं लड़ पाए। कुछ विषयों के ऊपर हमारे विचार में मतभेद हो सकते हैं लेकिन सैद्धांतिक रूप से दोनों पार्टियां हिंदुत्ववादी और राष्ट्रीय विचारों वाली पार्टियां हैं। हम विधानसभा और लोकसभा दोनों चुनाव साथ लड़ेंगे। लोकसभा में भाजपा 25 और शिवसेना 23 सीटों पर लड़ेगी।'
उन्होंने कहा, 'दोनों पार्टियां चाहती हैं कि अयोध्या में राम मंदिर जल्द से जल्द बने और हम ऐसा करेेंगे। किसानों के मुद्दे पर हमारी बातचीत हुई है। महाराष्ट्र में अधिकतम 50 लाख किसानों की कर्जमाफी हुई है। जो किसान छूट गए हैं, उन्हें भी इसके तहत लाने का फैसला किया है।'
राज्य में कम से कम 45 सीटें जीतेंगे: अमित शाह
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा, 'भाजपा और शिवसेना के करोड़ों कार्यकर्ताओं की इच्छा की पूर्ति हुई। केंद्र और महाराष्ट्र में फिर से एनडीए की सरकार बने। भाजपा के सबसे पुराने साथी शिवसेना और अकाली दल हैं।'
उन्होंने कहा, 'मुझे खुशी है कि जो थोड़ा मन-मुटाव हुआ था, आज इस टेबल पर उसे भुलाकर शिवसेना और भाजपा ने आगे बढ़ने का निर्णय लिया है। देश की सुरक्षा, सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को लेकर दोनों पार्टियों ने दशकों तक संघर्ष किया है और विजयी हुए हैं। हम राज्य में कम से कम 45 सीटें जीतेंगे। केंद्र में भी शिवसेना हमारे साथ है। देश के विकास में बहुत से काम हुए हैं। राज्य में देवेंद्र फडणवीस सरकार ने भ्रष्टाचार जड़ से उखाड़ फेंका है। मुझे भरोसा है कि आने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टी के कार्यकर्ता कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ेंगे और जीतेंगे। मैं बाला साहेब ठाकरे और अटल जी को याद करता हूं और उद्धव ठाकरे जी को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने मन-मुटाव खत्म किया।'
पिछले लोकसभा चुनाव में दोनों दल थे साथ
2014 का लोकसभा चुनाव दोनों दलों ने साथ लड़ा था। इस चुनाव में भाजपा 24 और शिवसेना 20 सीटों पर लड़ी थी। उस वक्त गठबंधन में शामिल राजू शेट्टी की स्वाभिमानी पक्ष को दो सीटें मिली थीं। जबकि, एक-एक सीट राष्ट्रीय समाज पक्ष और रामदास अठावले की आरपीआई को दी गई थी। शेट्टी गठबंधन से अलग हो गए हैं। हालांकि, इसी साल हुए विधानसभा चुनाव में शिवसेना एनडीए से अलग हो गई, लेकिन चुनाव नतीजों के बाद उसने भाजपा काे समर्थन दिया और गठबंधन सरकार बनी। हालांकि, दोनों दलों के बीच रिश्ते पिछले पांच साल में तनावपूर्ण रहे हैं। शिवसेना कई बार यह खुलकर कह चुकी थी कि वह 2019 का लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेगी।
पालघर सीट पर उपचुनाव के दौरान भी कड़वाहट बढ़ी थी
बताया जा रहा है कि भाजपा पालघर लोकसभा सीट छोड़ने के लिए तैयार है। 2018 में इस सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा ने जीत दर्ज की थी। यह सीट भाजपा सांसद चिंतामन वनगा के निधन से खाली हुई थी। हालांकि, उनके बेटे श्रीनिवास वनगा ने शिवसेना के टिकट पर चुनाव लड़ा था। उन्हें भाजपा के राजेंद्र गावित ने हरा दिया।