महंत चांदनाथ नाथ संप्रदाय के बड़े नेता और रोहतक स्थित बाबा मस्तनाथ यूनिवर्सिटी के चांसलर और बाबा मस्तनाथ मठ के महंत हैं। खिजराबाद के किशनपुरा गांव स्थित एक डेरे के संस्थापक शंकरनाथ की मौत के बाद उनके शिष्य शिवनाथ को कार्यभार सौंपा गया था। शिवनाथ ने न्यायालय में डेरे की 82 कनाल 19 मरला जमीन को अपने नाम करने की अपील दाखिल की। उस दौरान डेरे के ट्रस्ट के चेयरमैन रहे चांदनाथ ने न्यायालय में गवाही दी कि उन्हें इस पर कोई ऐतराज नहीं है। कुछ समय बाद शिवनाथ ने वह जमीन देसराज को बेच दी, जिसने जमीन आगे बेच दी। इस पर गांव के कुछ लोगों ने ऐतराज जताया। इसकी शिकायत निचली अदालत में की, लेकिन वहां अपील नामंजूर होने पर जिला न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। न्यायाधीश बीबी प्रसून ने 22 जनवरी 2010 को चांदनाथ के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज करने का आदेश देते हुए मामला उपमंडल कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया था।
धोखाधड़ी में सांसद महंत चांदनाथ को एक वर्ष की सजा
हरियाणा के बिलासपुर उपमंडल अदालत ने राजस्थान के अलवर से भाजपा सांसद महंत चांदनाथ व एक अन्य को धोखाधड़ी के मामले में एक साल कैद और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। साथ ही महंत चांदनाथ को जमानत भी दे दी गई।

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