समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव का आज निधन हो गया है। उन्होंने गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली। वह 82 वर्ष के थे। समाजवादी पार्टी ने अखिलेश यादव के हवाले से मुलायम सिंह यादव के निधन की पुष्टि की है। वह पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे। नेताजी के निधन को लेकर यूपी में तीन दिन का राजकीय शोक घोषित कर दिया गया है।
मुलायम सिंह यादव का पार्थिव शरीर मेदांता अस्पताल से सैफई के लिए रवाना हो गया है। बताया जा रहा है कि नेताजी का कल दोपहर 3 बजे सैफई में अंतिम संस्कार होगा।
ज़िलाधिकारी (सैफई) अवनीश राय ने बताया कि हमें सूचना मिली है कि नेता जी का अंतिम संस्कार यहां किया जाएगा। प्राथमिक व्यवस्था कि लिए पुलिस और प्रशासन की टीम यहां मौजूद हैं। प्राथमिक जानकारी के मुताबिक हमें अंतिम संस्कार का समय कल दोपहर का दिया गया है।
मुलायम सिंह यादव के निधन पर उनके बेटे और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भावुक हो गए। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि ‘मेरे पिताजी और सबके नेताजी नहीं रहे।’
बता दें कि मुलायम सिंह यादव लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उन्हें बीमारी के चलते ही गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां 2 अक्टूबर को उन्हें आईसीयू में शिफ्ट किया गया था। 9 अक्टूबर को जारी हेल्थ बुलेटिन में अस्पताल की तरफ़ से बताया गया था कि मुलायम सिंह यादव की स्थिति नाजुक है और उन्हें जीवन रक्षक दवाओं पर रखा गया है। आज इसी सब में 10 अक्टूबर की सुबह उनके निधन की सूचना सामने आई।
अपने लम्बे राजनीतिक सफर में मुलायम सिंह यादव तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। वो राम मनोहर लोहिया की विचारधारा को मानने वाले थे। मुलायम सिंह यादव की अपने पुत्र अखिलेश यादव के साथ खूब तनातनी रही। समाजवादी पार्टी के मालिकाना हक को लेकर दोनों के मतभेद जनता के सामने आए और खूब जग हंसाई हुई। शिवपाल यादव और अमर सिंह मुलायम सिंह यादव के करीबी रहे मगर बाद में उनसे भी मुलायम सिंह यादव के मतभेद हो गए। मुख्यमंत्री बनने के साथ ही मुलायम सिंह यादव लोकसभा के सदस्य रहे और उन्होंने भारत के रक्षा मंत्री की जिम्मेदारी भी संभाली।