समाजवादी पार्टी (एसपी) छोड़कर सोमवार को बीजेपी में शामिल हुए नरेश अग्रवाल ने जया बच्चन पर की गई अपनी टिप्पणी को लेकर खेद व्यक्त किया है। उनके बयान पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आपत्ति जताई थी।
अग्रवाल राज्यसभा के लिए जया बच्चन को तरजीह दिए जाने से नाराज चल रहे थे। बीजेपी में शामिल होने के बाद नरेश अग्रवाल ने कहा, "मेरा टिकट फिल्मों में नाचने वाली के लिए काट दिया गया, जबकि मैं सीनियर लीडर हूं। राज्यसभा चुनावों में हम बीजेपी का समर्थन करेंगे।"
वहीं, अग्रवाल ने अपने बयान पर खेद व्यक्त करते हुए कहा, अगर मेरी किसी बात से किसी को ठेस पहुंची हो तो मैं खेद व्यक्त करता हूं। यह पूछे जाने पर कि क्या आप इस बयान के लिए माफी मांगेगे, इस पर उन्होंने कहा कि खेद शब्द का मतलब आप समझते हैं?
Agar meri kisi baat se kisi ko thes pahuchi hai toh main khed vyakt karta hun: #NareshAgrawal, BJP on his earlier comment 'Films mein kaam karne wali se meri hesiyat kardi gayi, unke naam par humara ticket kataa gaya, maine isko bhi bahut utchit nahi samjha' pic.twitter.com/6CkbYsmY7Y
— ANI (@ANI) March 13, 2018
नरेश अग्रवाल ने मीडिया को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा, 'मैने कुछ कहा जिसे मीडिया ने दूसरा एंगल दे दिया। मैं सिर्फ इतना ही कह सकता हूं कि मेरा किसी को ठेस पहुंचाने का इरादा नहीं था। मैं अपने शब्द वापस लेता हूं।'
सुषमा स्वराज ने बयान पर जताई थी आपत्ति
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर कहा - "नरेश अग्रवाल का बीजेपी में स्वागत है, लेकिन उन्होंने जया बच्चन जी के बारे में जो बयान दिया है वह सही नहीं है, इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।"
क्या असर पड़ेगा राज्यसभा चुनाव पर?
राज्यसभा चुनाव में 47 विधायकों वाली सपा अपने कैंडिडेट जया बच्चन को 37 वोटों के साथ आसानी से पहुंचा देगी। जबकि बाकी बचे 10 वोटों से वह बीएसपी कैंडिडेट को समर्थन करने जा रही थी, लेकिन नरेश अग्रवाल के बेटे नितिन अग्रवाल भी अब बीजेपी में शामिल हो गए हैं। ऐसे में सपा के पास अब सिर्फ 9 वोट ही बचे हैं।
बीएसपी अपने कैंडिडेट भीमराव आंबेडकर को राज्यसभा भेजने के लिए ये गणित बैठा रहीं थी। बीएसपी के 19, सपा के 10, कांग्रेस के 7, राष्ट्रीय लोकदल का 1 वोट था।
राज्यसभा चुनाव में नितिन अग्रवाल बीजेपी कैंडिडेट का समर्थन कर सकते हैं, ऐसे में बीएसपी का खेल बिगड़ सकता है। नरेश अग्रवाल ने साफ कर दिया है कि उनका बेटा नितिन अग्रवाल बीजेपी को राज्यसभा चुनावों में वोट देगा।
कौन हैं नरेश अग्रवाल ?
नरेश अग्रवाल ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत 1980 में हरदोई से की। वे कांग्रेस की सीट पर पहली बार विधायक चुने गए। इसके बाद वह 7 बार अलग-अलग पार्टियों से विधायक रहे और दो बार राज्यसभा सांसद रहे।
अग्रवाल इससे पहले, कांग्रेस, लोकतांत्रिक कांग्रेस, एसपी, बीएसपी और फिर एसपी में शामिल हुए थे। अब उन्होंने बीजेपी ज्वाइन की है।
नरेश अग्रवाल अपने विवादित बयानों की वजह से जाने जाते हैं। उन्होंने एक बार मॉब लिंचिंग पर बहस के दौरान शराब को देवी-देवताओं के नाम से जोड़ दिया था। उनके इस बयान पर हंगामा हुआ था। बीजेपी ने कड़ा विरोध किया था। बाद में अग्रवाल की बातों को राज्यसभा की कार्यवाही से हटा दिया गया था। इस बात का तब भाजपा ने काफी विरोध किया था।