राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने सभी मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों के लिए एक परामर्श जारी किया है, जिसमें उनसे कॉलेज और अस्पताल परिसरों में संकाय, छात्रों और रेजिडेंट डॉक्टरों सहित सभी कर्मचारियों के लिए सुरक्षित कार्य वातावरण के लिए नीति विकसित करने का आग्रह किया गया है।
यह परामर्श कोलकाता के एक सरकारी अस्पताल में एक प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ कथित बलात्कार और हत्या तथा घटना के विरोध में देश भर के कई अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने के मद्देनजर जारी किया गया है। सलाह में कहा गया है कि हाल के दिनों में मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा की घटनाएं सामने आई हैं।
... परामर्श में कहा गया है कि शाम के समय परिसरों, गलियारों सहित, में अच्छी रोशनी होनी चाहिए ताकि कर्मचारी सुरक्षित रूप से एक स्थान से दूसरे स्थान पर जा सकें और निगरानी के लिए सभी संवेदनशील क्षेत्रों को सीसीटीवी से कवर किया जाना चाहिए। इसमें कहा गया है कि मेडिकल कॉलेज और अस्पताल परिसरों में ओपीडी, वार्ड, कैजुअल्टी, लेबर रूम, छात्रावास, आवासीय क्वार्टर और अन्य खुले क्षेत्रों में पर्याप्त सुरक्षा कर्मचारी (पुरुष और महिला) तैनात करने सहित सुरक्षा उपाय उपलब्ध कराए जाने चाहिए।
परामर्श में कहा गया है कि मेडिकल छात्रों के खिलाफ हिंसा की किसी भी घटना की कॉलेज प्रबंधन द्वारा तुरंत जांच की जानी चाहिए और पुलिस में प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए। परामर्श में कहा गया है, "हिंसा की किसी भी घटना पर विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट अनिवार्य रूप से घटना के 48 घंटे के भीतर राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग को भेजी जानी चाहिए।"