प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी जयंती पर गुजरात के एकता नगर स्थित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर पुष्पांजलि अर्पित की। साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने सरदार पटेल की जयंती पर एकता की शपथ भी ली। सरदार पटेल देश के पहले गृह मंत्री थे और उन्होंने आजादी के बाद भारत के एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई इसलिए उनकी जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।
गुजरात के एकता नगर में सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के अवसर पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "आने वाले 25 साल भारत के लिए इस शताब्दी के सबसे महत्वपूर्ण 25 साल हैं। इन 25 वर्षों में हमें समृद्ध बनना है, विकसित बनना है।"
प्रधानमंत्री मोदी ने लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 148वीं जयंती पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "जैसे 15 अगस्त हमारी स्वतंत्रता के उत्सव का, 26 जनवरी हमारे गणतंत्र के जयघोष का दिवस है, उसी तरह 31 अक्टूबर का ये दिन देश के कोने-कोने में राष्ट्रीयता के संचार का पर्व बन गया है।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "आप सभी युवाओं का जांबाजों का ये उत्साह राष्ट्रीय एकता दिवस की बहुत बड़ी ताकत है। एक तरह से मेरे सामने लघु भारत का स्वरूप दिख रहा है। राज्य अलग है, भाषा अलग है, परंपरा अलग है, लेकिन यहां मौजूद हर व्यक्ति एकता की मजबूत डोर से जुड़ा हुआ है।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "दुनिया भारत की सराहना कर रही है। हमें दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाने पर गर्व है। हमें गर्व है कि जब दुनिया युद्ध और अन्य संकटों का सामना कर रही है, तब भी हमारी सीमाएं सुरक्षित हैं। हमें गर्व है कि हम जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनने वाले हैं।"
गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी ने साल 2013 में स्टैचू ऑफ यूनिटी का शिलान्यास किया था और पीएम बनने के बाद साल 2018 में विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा के रूप में 'स्टैचू ऑफ यूनिटी' को देश को समर्पित किया था। तकरीबन 2989 करोड़ में विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा बनकर तैयार हुई, जहां पर अब तक 1.53 करोड़ पर्यटक आ चुके हैं। इस प्रतिमा के बाद स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त हुए साथ ही गुजरात और देश के पर्यटकों को एक नया पर्यटन स्थल भी।