बिहार के साथ-साथ देश की भी जाति आधारित जनगणना की मांग को लेकर राजनीति गरमाई हुई है। सोमवार को बिहार का एक प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नीतीश कुमार के नेतृत्व में मिला। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल में एआईएमआईएम के अख्तरुल इमान शामिल थे। अब इसी को लेकर एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि पिछड़े वर्ग के लोगों की बेहतरी के लिए जाति जनगणना का क्रियान्वयन महत्वपूर्ण है। जाति जनगणना शुरू की जानी चाहिए। मोदी जी के पास संसदीय शक्ति है, उन्हें कानून बनाना चाहिए। ओबीसी का उप-वर्गीकरण भी महत्वपूर्ण है।
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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य के 10 दलों के प्रतिनिधिमंडल ने देश भर में जाति आधारित जनगणना कराए जाने के समर्थन में सोमवार को पीएम मोदी से मुलाकात की। इसमें राजद के नेता तेजस्वी यादव और बीजेपी समेत कई अन्य दलों के प्रतिनिधि भी शामिल थे। नीतीश कुमार और यादव ने जाति आधारित जनगणना का मजबूती से समर्थन किया है।
बिहार में जब भी जाति की बात होती है तो गूंज दिल्ली तक जाती है। 2015 बिहार विधानसभा चुनाव में मोहन भागवत के आरक्षण पर कथित बयान को लालू ने ऐसा भुनाया था कि बिहार में बीजेपी का सूपड़ा साफ होते-होते बचा था और इसकी आंच दिल्ली दरबार तक पहुंच गई।