राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ((आरएसएस) ) के प्रमुख मोहन भागवत की तस्वीर के साथ सोशल मीडिया पर 16 पेज की 'नया भारतीय संविधान' की पीडीएफ फाइल वायरल करने के मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की गई हैं। आरएसएस ने इस दस्तावेज से खुद को अलग करते हुए इसे उसकी छवि खराब करने का प्रयास बताया है।
आरएसएस के अवध प्रान्त के प्रचारक दिवाकर ने बताया, "हमने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत जी की तस्वीर वाले संदेश के खिलाफ गोमती नगर और हजरतगंज पुलिस स्टेशनों में एफआईआर दर्ज करने के लिए शिकायत दी थी।" शिकायत में कहा गया है, "इसमें दी गई सामग्री से घृणा पैदा करने, आरएसएस और उसके प्रमुख की छवि खराब करने का इरादा है।"
दस्तावेज से उसका कोई लेना देना नहींः आरएसएस
स्थानीय आरएसएस पदाधिकारी तुला राम निमेश ने गोमती नगर पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में कहा, "16 पन्नों के दस्तावेज को विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल किया जा रहा था।" उन्होंने कहा, "दस्तावेज का आरएसएस से कोई लेना-देना नहीं है।"
देश विरोधी ताकतों के शामिल होने का लगाया आरोप
हजरतगंज के सहायक पुलिस आयुक्त अभय मिश्रा ने कहा कि शिकायत पर अज्ञात लोगों के खिलाफ शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई थी। उन्होंने कहा, "हम जांच कर रहे हैं और इस दस्तावेज के स्त्रोत का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं।"
इसी तरह की एफआईआर हजरतगंज पुलिस स्टेशन में आरएसएस के लालता प्रसाद की ओर से दर्ज कराई गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया है कि मामले में देश विरोधी ताकतें शामिल हैं। वहीं, लखनऊ पुलिस का साइबर सेल इस बात की जांच कर रहा है कि शुरुआत में सामग्री किसने पोस्ट की थी।