केंद्र सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा को गैरकानूनी गतिविधि न्यायाधिकरण यानी यूएपीए ट्रिब्यूनल का पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया। ये ट्रिब्यूनल पीएफआई और उससे संबंधित संगठनों पर लगाए गए प्रतिबंध की समीक्षा करेगा।
28 सितंबर को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यूएपीए की धारा 3(1) के तहत पीएफआई और उससे संबंधित संगठनों को तत्काल प्रभाव से 5 साल के लिए गैरकानूनी संगठन घोषित करते हुए इस पर प्रतिबंध लगा दिया था तो वहीं, जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा को 28 फरवरी 2022 को दिल्ली हाईकोर्ट के जज के रूप में नियुक्त किया गया था।
केंद्रीय कानून और न्याय मंत्रालय की तरफ से 3 अक्टूबर को जारी एक नोटिफिकेशन में कहा गया है कि दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा को उस ट्राइब्यूनल का अध्यक्ष नियुक्त किया है जो पीएफआई और उससे जुड़े संगठनों का मामला देखेगा।
आतंकवादी संगठनों के साथ संबंधों और आतंकी गतिविधियों में शामिल होने का हवाला देते हुए, केंद्र ने पीएफआई और उसके सहयोगी रिहैब इंडिया फाउंडेशन (आरआईएफ), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई), ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (एआईआईसी), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (एनसीएचआरओ), नेशनल वुमन फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन, केरल को गैरकानूनी संगठन घोषित किया है।