राजस्थान हाई कोर्ट ने बुधवार को अलवर के चर्चित मॉब लिंचिंग में शिकार हुए पहलू खान, उनके दो बेटे और ड्राइवर के खिलाफ गौ तस्करी का केस खारिज कर दिया है। कोर्ट ने माना कि गौ तस्करी किए जाने का कोई सबूत पेश नहीं किया गया है। जबकि गौ तस्करी के संदेह के कारण ही पहलू खान की हत्या की गई थी। पहलू खान और अन्य के खिलाफ साल 2017 में गौ तस्करी का मामला दर्ज हुआ था। चार्जशीट में उसके दो बेटों और ड्राइवर को भी शामिल किया गया था।
मामले को लेकर पहलू खान के बेटों ने इस एफआईआर के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील की थी। उनका कहना था कि वे गो-तस्करी नहीं कर रहे थे बल्कि इसे खरीदा था और उनके पास इसके पेपर भी थे। कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि पुलिस पशु-तस्करी के आरोपों को साबित नहीं कर पाई। जस्टिस पंकज भंडारी की कोर्ट ने मामले में सुनवाई के बाद एफआईआर रद्द करने के आदेश दिए हैं।
क्या था मामला
एक अप्रैल, 2017 में हरियाणा के नूंह जिले के निवासी पहलू खान ट्रक में गाय अपने घर ले जा रहे थे कि कुछ लोगों ने बहरोड़ के पास गो-तस्करी के शक में पीट- पीटकर उनकी हत्या कर दी। उनके साथ जा रहे उनके दोनों बेटों के साथ भी मारपीट की गई थी। पहलू खान की तीन अप्रैल को अलवर के एक अस्पताल में मौत हो गई थी।
फिर से जांच के दिए थे आदेश
मामले में अलवर की जिला अदालत ने 14 अगस्त को पहलू खान मॉब लिंचिंग मामले में सभी छह बालिग आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया था। गहलोत सरकार ने मामले के सभी छह बालिग आरोपियों को बरी करने के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील करने के साथ-साथ मामले पर निगरानी रखने का निर्णय लिया था।
पहलू खान मामले की जांच के लिए गहलोत सरकार ने विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन कर मामले में फिर से जांच के आदेश दिए थे।