राजधानी दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के नए फैसले से एक बार फिर एलजी और केजरीवाल सरकार में ठन गई। एलजी ने आप नेताओं जैस्मीन शाह और नवीन गुप्ता को डिस्कॉम बोर्ड से हटा दिया। उनके स्थान पर अफसरों को इसमें शामिल किया गया है। इस फैसले से आम आदमी पार्टी ने उपराज्यपाल के आदेश को असंवैधानिक बताया।
एलजी सक्सेना ने संवैधानिक प्रावधानों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए आप नेता जैस्मीन शाह और राज्यसभा सांसद एनडी गुप्ता के बेटे नवीन गुप्ता को हटा दिया। इन दोनों सदस्यों पर अनिल अंबानी के स्वामित्व वाली डिस्कॉम के बोर्ड में निजी प्रतिनिधियों के साथ सहयोग करने का आरोप है।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार सुबह जस्मिन शाह और नवीन गुप्ता सहित डिस्काम के बोर्ड से चार सदस्यों को हटाने के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए एलजी पर हमला बोला है।
मनीष सिसोदियो ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जस्मिन शाह और नवीन गुप्ता सहित डिस्काम के बोर्ड से चार सदस्यों को हटाने के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा- एलजी का आदेश अवैध और असंवैधानिक है। एलजी के पास ऐसे आदेश जारी करने का अधिकार नहीं है। केवल निर्वाचित सरकार के पास बिजली के विषय पर आदेश जारी करने की शक्तियां हैं। एलजी ने सुप्रीम कोर्ट के सभी आदेशों और संविधान का पूरी तरह मजाक उड़ाया है। सिसोदिया ने कहा कि वह कैबिनेट के फैसले को नहीं बदल सकते। उन्हें इस तरह के फैसले लेने का अधिकार नहीं।
भाजपा नेता आदेश गुप्ता ने भी ट्वीट कर कहा कि डिस्कॉम बोर्ड से आप नेताओं को एलजी ने निकाला। आप नेता जैस्मीन शाह, नवीन गुप्ता बोर्ड से हटाए गए। संवैधानिक प्रावधानों के उल्लंघन का है आरोप।
सत्तारूढ़ ‘आप’ ने डिस्कॉम के बोर्ड से शाह और गुप्ता को हटाने के उपराज्यपाल के आदेश को ‘‘अवैध और असंवैधानिक’’ करार दिया है। उसका दावा है कि उपराज्यपाल के पास इस तरह के आदेश जारी करने का अधिकार नहीं है।