पिछले दिनों महाराष्ट्र के जलगांव जिले में दो नाबालिग लड़कों को निर्वस्त्र करने और उसकी पिटाई करने का वीडियो शेयर करने पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को नोटिस जारी किया गया है। इस ट्वीट के बाद महाराष्ट्र स्टेट कमिशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स (एमएससीपीसीआर) ने दोनों की पहचान उजागर करने के मामले को गंभीरता से लेते हुए राहुल गांधी और ट्विटर को नोटिस जारी किया है।
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, मुंबई के रहने वाले अमोल जाधव ने राहुल गांधी और ट्विटर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। आयोग के अध्यक्ष प्रवीण घुगे ने कहा कि उन्होंने राहुल गांधी और ट्विटर से पूछा है कि उनके खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम, 2015 और बाल यौन अपराध संरक्षण अधिनियम, 2012 के तहत कार्रवाई क्यों ना की जाए।
आयोग ने इस मामले में राहुल गांधी से दस दिनों में जवाब देने को कहा है। वहीं, इस मामले में बीजेपी विधायक राम कदम ने भी राहुल गांधी के खिलाफ केस दर्ज कराने की बात कही है। कदम आज सुबह राहुल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने मुंबई के साइबर सेल जाएंगे।
इन सबके बीच कांग्रेस प्रवक्ता सचिव सावंत ने कहा, यह वीडियो पहले से ही सोशल मीडिया पर वायरल था और सिर्फ कांग्रेस अध्यक्ष ने ही इसे ट्वीट नहीं किया। बीजेपी की लगातार यह कोशिश है कि वह जनता के असल मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाए, दलितों पर अत्याचार के मामले बढ़े हैं।
जानें क्या है पूरा मामला
महाराष्ट्र के जलगांव में तीन नाबालिग दलित लड़कों को कथित तौर पर गांव के कुएं में तैरने को लेकर पीटा गया और नंगा करके घुमाया गया था। ये घटना वकाडी गांव में लड़कों को नंगा करके घुमाए जाने के एक वीडियो के वायरल होने के बाद सामने आई थी।
दलित युवकों को पीटने और नंगा घुमाने को लेकर ट्विटर पर एक वीडियो शेयर करते हुए राहुल गांधी ने बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पर निशाना साधा था। राहुल ने ट्वीट किया, 'महाराष्ट्र के इन दलित बच्चों का अपराध सिर्फ इतना था कि ये ‘सवर्ण’ कुएं में नहा रहे थे। आज मानवता भी आखरी तिनकों के सहारे अपनी अस्मिता बचाने का प्रयास कर रही है।
आरएसएस और बीजेपी की मनुवाद की नफरत की जहरीली राजनीति के खिलाफ हमने अगर आवाज नहीं उठाई तो इतिहास हमें कभी माफ नहीं करेगा।