असम के रहने वाले पूर्व सैनिक मोहम्मद सनाउल्लाह को विदेशी घोषित करने और उनको हिरासत में लेने को लेकर कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने चिंता प्रकट की है। पूर्व सैन्यकर्मी को राहत देने के लिए गृह मंत्री अमित शाह से हस्तक्षेप का अनुरोध किया है। शाह को चिट्ठी लिखकर गोगोई ने कहा कि सेवानिवृत सूबेदार और कारगिल युद्ध लड़ चुके मोहम्मद सनाउल्ला को असम में विदेशी न्यायाधिकरण द्वारा विदेशी घोषित किए जाने के बाद उन्हें एक हिरासत केंद्र में रहखा गया है।
गोगई ने कहा है कि हिरासत पर अपनी चिंताएं जताने के लिए मैंने आपको पत्र लिखा है... मैं पूर्व सैन्य अधिकारी मोहम्मद सनाउल्लाह के लिए राहत चाहता हूं और प्रक्रिया सही होनी चाहिए जहां वास्तविक भारतीय नागरिक को सुरक्षा मिले और विदेशी हटाए जाएं। असम के कालियाबोर के सांसद ने कहा कि मीडिया की कुछ खबरों के मामले में सरकारी अधिकारियों की तरफ से लापरवाही का संकेत मिला है।
गोगोई ने कहा, ‘मैं आपसे मामले में गौर करने के लिए और जांच शुरू करवाने का अनुरोध करता हूं’। असम के लोग इंसाफ के लिए केंद्र सरकार की ओर देख रहे हैं’। सेना से सेवानिवृत होने के बाद सनाउल्लाह ने असम पुलस (सीमा) में सहायक उप निरीक्षक के तौर पर काम शुरू किया था। उन्हें राष्ट्रपति पदक से भी सम्मानित किया जा चुका है।
जांच अधिकारी भी सवालों के घेरे में
इस मामले में जांच अधिकारी सवालों भी के घेरे में है, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। उस रिटायर्ड पुलिसकर्मी के खिलाफ तीन अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई है जिसने पूर्व सेना अधिकारी मोहम्मद सनाउल्लाह को ‘विदेशी’ घोषित करने वाले दस्तावेजों की पुष्टि की थी और उनका बयान दर्ज किया था।
अधिकारियों ने कहा था कि तीन लोगों ने बोको पुलिस थाने में असम सीमा पुलिस के सेवानिवृत्त सब-इंस्पेक्टर चंद्रामल दास के खिलाफ शिकायतें दर्ज कराई। इन तीन लोगों के नाम सनाउल्लाह के बयान में गवाह के तौर पर सामने आए थे।
गवाहों ने दर्ज कराई शिकायतें
बोको पुलिस थाने के प्रभारी अधिकारी जोगेन बर्मन ने कहा था कि मोहम्मद कुरान अली, सुवाहन अली और अजमल अली ने प्राथमिकियों में आरोप लगाया कि सनाउल्लाह के मामले की जांच कर रहे दास ने उन्हें गवाह के तौर पर किसी बयान या किसी दस्तावेज पर हस्ताक्षर के लिए नहीं बुलाया था। बर्मन ने बताया था कि पुलिस ने बर्मन के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में तीन मामले में दर्ज किए।
शिकायत में क्या है?
तीनों व्यक्तियों ने अपनी शिकायतों में यह भी कहा कि सनाउल्लाह असली भारतीय नागरिक हैं और उन्हें ‘‘असम सीमा पुलिस ने प्रताड़ित किया जिसने उन्हें संदेहात्मक मतदाता घोषित करने के लिए साजिश रची।’’
अदालत जाएगा परिवार
करगिल युद्ध के पूर्व सैन्य अधिकारी के परिवार के सदस्यों ने सनाउल्लाह को ‘विदेशी’’ घोषित करने की कथित साजिश को लेकर असम सीमा पुलिस और दास के खिलाफ गौहाटी हाईकोर्ट में मुकदमा दायर करने का फैसला किया है।
क्या है मामला?
राष्ट्रपति पदक से सम्मानित सनाउल्लाह को विदेशी न्यायाधिकरण, कामरूप ने ‘विदेशी’ घोषित किया था जिसके बाद उनका नाम संदेहात्मक मतदाता के रूप में सूचीबद्ध होने के बाद 2008 में एक मामला दर्ज किया गया। न्यायाधिकरण के फैसले के बाद सनाउल्लाह को गोलपाड़ा के एक हिरासत केंद्र में बंद कर दिया गया।
एजेंसी इनपुट