दिल्ली के तुगलकाबाद इलाके में बीते 10 अगस्त को संत रविदास मंदिर दिल्ली विकास प्राधिकरण ने तोड़ दिया था। इसके बाद दिल्ली समेत आस-पास के दलित समुदाय ने इसका कड़ा विरोध किया था और हिंसा भड़क गई थी। अब यही मंदिर उसी जगह दोबारा बनाया जाएगा। मंदिर बनाने के संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के उस प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है जिसमें केंद्र ने मंदिर समिति को जमीन देने का प्रस्ताव दिया था। हालांकि इससे पहले 9 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट, गुरु रविदास जयंती समारोह समिति पर ‘स्थान को खाली न कर कोर्ट के आदेश की अवहेलना’ जैसी टिप्पणी कर चुका है। इस मंदिर के निर्माण के लिए केंद्र सरकार 400 गज जमीन देगी।
जमीन समिति को सौंपने का प्रस्ताव
सुप्रीम कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ संत रविदास मंदिर के लिए 400 वर्गगज जमीन देने के केंद्र सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। कोर्ट ने केंद्र को कहा है कि वह मंदिर के लिए एक समिति का गठन करे और सुनिश्चित करे कि इस पर और किसी भी तरह की व्यावसायिक गतिविधि न हो। केंद्र सरकार ने अपने प्रस्ताव में पहले मंदिर के लिए 200 वर्ग गज की बात कही थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने 400 वर्ग गज कर दिया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर तोड़े जाने के बाद विरोध और हंगामा करने के आरोप में गिरफ्तार लोगों को रिहा करने का आदेश भी दे दिया है।
हुआ था उग्र प्रदर्शन
रविदास मंदिर तोड़े जाने के बाद दलित समाज के लोग भारी संख्या में इकट्ठे हो गए थे। दलित समाज ने रामलीला मैदान में बड़ा प्रदर्शन भी किया था। प्रदर्शनकारी भड़क गए थे और कई जगहों पर हिंसा और आगजनी की घटनाएं हुई थीं। इस मामले में भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर समेत करीब 100 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था।