सुप्रीम कोर्ट ने आज वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के पुत्र कार्ति चिदंबरम को आइएनएक्स मीडिया मनी लॉन्ड्रिंग केस में अंतरिम राहत पाने के लिए दिल्ली हाइकोर्ट जाने के लिए कहा है। कार्ति ने आइएनएक्स मीडिया में निवेश से जुड़े मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समन आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था।
Supreme Court asked #KartiChidambaram to approach Delhi High Court for relief. #INXMediaCase
— ANI (@ANI) March 8, 2018
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविल्कर और जस्टिस डीवाइ चंद्रचूड़ की वाली पीठ ने कार्ति को सुप्रीम कोर्ट में मनी लॉन्ड्रिंग केस से जुड़ी याचिका वापस लेने की भी अनुमति दे दी। आज कार्ति की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) तुषार मेहता की दलीलें सुनने के बाद याचिकाकर्ता को राहत के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय जाने को कहा। इसके बाद कार्ति ने अपनी याचिका वापस ले ली।
Supreme Court also requested the Delhi High Court to set up appropriate bench to adjudicate the #KartiChidambaram matter tomorrow or day after tomorrow.
— ANI (@ANI) March 8, 2018
शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालय से आग्रह किया कि वह कार्ति की याचिका की सुनवाई के लिए शुक्रवार या शनिवार को उचित पीठ का गठन करे। इससे पहले सुनवाई के दौरान मेहता और सिब्बल में काफी तीखी जिरह हुई।
सिब्बल ने मेहता पर मुख्य न्यायाधीश की पीठ को मर्जी का आदेश लिखने की सलाह देने का आरोप लगाया, जिसका एएसजी ने पुरजोर विरोध किया। मेहता ने कहा कि वरिष्ठ अधिवक्ता एवं पूर्व कानून मंत्री का यह आरोप अनुचित है। इस पर न्यायमूर्ति मिश्रा ने संज्ञान लेते हुए कहा कि हम अपनी जिम्मेदारियां खुद जानते हैं।
कार्ति पिछले 28 मार्च से सीबीआई की हिरासत में हैं। कार्ति पर आरोप है कि आईएनएक्स मीडिया में 350 करोड़ रुपये के विदेशी निवेश के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी दिलाने की एवज में उन्होंने घूस ली थी। उस वक्त पी चिदंबरम केंद्रीय वित्त मंत्री थे।