Advertisement

सुप्रीम कोर्ट ने 26 पूर्व जजों को वरिष्ठ अधिवक्ता नामित किया

सुप्रीम कोर्ट ने उच्च अदालतों के 26 पूर्व मुख्य न्यायाधीशों और न्यायाधीशों को वरिष्ठ अधिवक्ता के तौर पर नामित किया है। इनमें ताजा नाम मेघालय हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस उमा नाथ सिंह का है।
सुप्रीम कोर्ट ने 26 पूर्व जजों को वरिष्ठ अधिवक्ता नामित किया

उनके दो फैसलों को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं लंबित हैं। एक याचिका शिलांग बार एसोसिएशन की है। इस याचिका में जस्टिस उमा नाथ सिंह के कार्यकाल में मेघालय हाईकोर्ट द्वारा दिल्ली के दो वकीलों को वरिष्ठ वकील नामित किए जाने पर आपत्ति की गई है। इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी में मेघालय हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को नोटिस जारी किया था।

दूसरी याचिका मेघालय के एक व्यक्ति ने दायर की है, जिसमें जस्टिस सिंह के ही एक आदेश को चुनौती दी गई है। सेवानिवृत्ति के समय जस्टिस सिंह ने राज्य सरकार के निर्देश दिया था कि उन्हें हमेशा के लिए जेड सिक्योरिटी दी जाए और जब भी वे दिल्ली एवं शिलांग का दौरा करें, उन्हें अतिथि का दर्जा दिया जाए। इस याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने विचाराधीन रखा है, क्योंकि मेघालय सरकार ने कहा कि वह इसपर अपना पक्ष रखना चाहती है।

जस्टिस सिंह के अलावा सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के सतीश चंद्र, रवींद्र सिंह, सुनील हाली और वीरेंद्र विक्रम सिंह को वरिष्ठ अधिवक्ता के तौर पर नामित किया। अन्य रिटायर जजों में शामिल हैं- कोलकाता हाई कोर्ट के असीम कुमार बनर्जी, आंध्र प्रदेश और तेलेंगाना के केसी भानु और पी चंद्रकुमार, दिल्ली हाई कोर्ट के अनिल कुमार, कैलाश गंभीर और जेएम मलिक, पटना हाईकोर्ट के सुभाष चंद्र झा, धरणीधर झा और वीएन सिन्हा, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के केसी पुरी, अरविंद कुमार, बीबी प्रसून और एसडी आनंद, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के बीडी राठी और शंभू सिंह, गुजरात हाईकोर्ट के कमल मेहता, मद्रास हाईकोर्ट के ए.के. राजन, जम्मू एवं कश्मीर हाईकोर्ट के हसनैन मसूढ़ी, मुंबई हाईकोर्ट के वीआर किंगावकर और छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के आईएम कुद्दुशी।

Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad