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सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को फटकारा, कहा- क्यों हो रही है माल्या के प्रत्यर्पण में देरी?

उच्चतम न्यायालय ने भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण से संबंधित सुनवाई में हो रही देरी...
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को फटकारा, कहा- क्यों हो रही है माल्या के प्रत्यर्पण में देरी?

उच्चतम न्यायालय ने भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण से संबंधित सुनवाई में हो रही देरी को लेकर केंद्र सरकार को आज कड़ी फटकार लगाई और विदेश मंत्रालय के सचिव को समन करने के संकेत भी दिए। शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार के विधि अधिकारियों को माल्या के प्रत्यर्पण कार्रवाई में हो रही देरी का विस्तृत कारण बताने का भी निर्देश दिया।

15 दिसंबर तक देनी होगी जानकारी

न्यायालय ने कहा, केंद्र उच्चतम न्यायालय के आदेश के बावजूद प्रत्यर्पण कार्रवाई में देरी कैसे कर सकता है। शीर्ष अदालत ने विदेश मंत्रालय को माल्या के प्रत्यर्पण कार्रवाई में विलंब के बारे में 15 दिसंबर तक विस्तृत जानकारी देने को कहा है। 

न्यायालय ने स्पष्ट किया यदि उसके आदेश पर अमल नहीं किया गया तो वह विदेश मंत्रालय के सचिव को समन करेगा। माल्या पर बैंकों के कंसोर्टियम के 9000 करोड़ रुपए के ऋण को चुकता न करने का आरोप है। वह इन दिनों लंदन में रह रहा है।

माल्या के वकीलों ने भारतीय न्याय व्यवस्था पर उठाया सवाल

लंदन के वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत में माल्या के प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई चल रही है। इस दौरान उनके वकीलों ने भारत की न्याय व्यवस्था की निष्पक्षता पर सवाल खड़े किए। उनकी वकील क्लेयर मोंटगोमरी ने सुनवाई के दौरान केंद्रीय जांच ब्यूरो (सी.बी.आई.) और उच्चतम न्यायालय के फैसलों पर अपनी राय देने के लिए डॉ मार्टिन लाउ को पेश किया। डॉ लाउ दक्षिण एशियाई मामलों के विशेषज्ञ हैं। डॉ लाउ ने सिंगापुर और हांग कांग के तीन अकादमिकों द्वारा किए गए एक अनाम अध्ययन का हवाला देते हुए सेवानिवृत्ति के करीब पहुंचे उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों की निष्पक्षता पर सवाल खड़े किए। प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई गुरुवार को खत्म होने की संभावना है।     

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