उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू का मानना है कि प्राचीन भारत में डॉक्टर मोतियाबंद का ऑपरेशन और प्लास्टिक सर्जरी करने में सक्षम थे। उन्होंने कहा कि भारत का इतिहास ऐसे लोगों से भरा पड़ा है जिन्होंने मानव ज्ञान के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि प्राचीन भारत में डॉक्टरों के अलावा कई वैज्ञानिक, गणितज्ञ, भौतिकशास्त्री, रसायनशास्त्री, धातु विज्ञानी, अंतरिक्षयात्री और कई आविष्कारकों के पास महत्वपूर्ण ज्ञान था। नायडू कोच्चि के निकट आदि शंकराचार्य के जन्म स्थान कलेडी में सोमवार को युवा वैज्ञानिकों को सम्मानित करने के लिए आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे।
नायडू ने कहा कि हम आर्यभट्ट, पिंगला, ब्रह्मगुप्त, भास्कर, वराह मिहिर, चरक और सुश्रृत जैसे प्रख्यात नामों को याद कर सकते हैं। भारत ने दुनिया को शून्य एवं बाइनरी प्रणाली की संकल्पना दी।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमें इस्पात मिश्र धातु और द्रवीभूत जस्ता बनाना आता था। हमारे प्राचीन सर्जन प्लास्टिक सर्जरी और मोतियाबिंद के ऑपरेशन सहित जटिल ऑपरेशन कर सकते थे।
उन्होंने कलेडी के आदि शंकरा इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में आदि शंकरा एशियानेट न्यूज यंग साइंटिस्ट अवार्ड 2018 प्रदान किए। नायडू ने कहा कि ये पुरस्कार युवा भारत में अंतर्निहित जिज्ञासा, बुद्धिमत्ता और अभिनव पहल की एक स्पष्ट गवाही हैं।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि सकल राष्ट्रीय आय बढ़ाने के साथ हमें इस बात पर भी ध्यान देना चाहिए कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी जीवन को अधिक खुशियां और गुणवत्ता दे सकें। उन्होंने कहा कि ज्ञान हमें बुद्धिमान बनाएगा और हमारे पास इस बात का ज्ञान होना चाहिए कि हम इसका इस्तेमाल कर कैसे अपना जीवन सुधार सकते हैं।
नायडू ने लोगों से अपील की कि भारतीय परंपराओं से प्रेरणा ले और समाज में जो खराब चीजें मौजूद हैं उन्हें खत्म कर राष्ट्र को पुनर्जीवित करें।