उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में शनिवार को सड़क दुर्घटना में जो प्रवासी मजदूर घायल हुए थे, उन्हें उस हादसे में मारे गए लोगों के साथ ही ट्रक में उनके घर भेजा गया। एक घायल ने सोशल मीडिया पर वह वीडियो डाला जिसमें प्रवासी मजदूर ट्रक के एक कोने में बैठे हैं और दूसरे कोने में काले रंग की पॉलिथीन में लपेट कर शवों को रखा गया है। हालांकि प्रशासन ने इस बात से इनकार किया है। जिला अधिकारी अभिषेक सिंह का कहना है कि हादसे वाली जगह या बाद में अस्पताल में जिन लोगों की मौत हुई उनके शव प्रोटोकॉल के मुताबिक एंबुलेंस में भेजे गए। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो क्लिप के बारे में उन्होंने कहा कि यह फर्जी है, इसे जारी करने वाले के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
ड्राइवर ने कहा, तेज दुर्गंध के कारण गाड़ी चलाना मुश्किल था
इस वीडियो के सामने आने के बाद घटना ने राजनीतिक रंग ले लिया। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उत्तर प्रदेश सरकार की आलोचना करते हुए अपने अधिकारियों को शवों को लाने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार भी हरकत में आई और औरैया से करीब 300 किलोमीटर दूर प्रयागराज में शवों को एंबुलेंस में रखकर भेजे। एक ट्रक के ड्राइवर ने बताया कि मृतकों के शव बर्फ पर नहीं रखे गए थे, उन्हें बस प्लास्टिक में लपेट दिया गया था। उसमें से काफी तेज बदबू आ रही थी जिससे गाड़ी चलाना भी बहुत मुश्किल हो रहा था।
हादसे में कुल 27 मजदूरों की मौत, 33 घायल
इस घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने कहा कि श्रमिक भी मानवीय व्यवहार के हकदार हैं। कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने राज्य सरकार की उत्तर प्रदेश सरकार की आलोचना करते हुए घटना की न्यायिक जांच की मांग की है। गौरतलब है कि शनिवार को दो ट्रकों की टक्कर में 24 प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई थी। बाद में तीन और घायलों की मौत हो गई। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि कुल 27 मजदूरों की मौत हुई है और 33 घायल हुए हैं।