दक्षिण एशियाई देशों के युवाओं के लिए सीमा पार ज्ञान के विस्तार की संकल्पना को साकारित करने के लिए सार्क देशों द्वारा स्थापित साउथ एशियन यूनिवर्सिटी मिशन मोड पर काम कर रही है। इसी क्रम में सार्क देशों के युवाओं का ज्ञानार्जन करने के लिए साउथ एशियन यूनिवर्सिटी ने (एसएयू) ने शैक्षणिक कार्यक्रमों का विस्तार किया है। इसके लिए एसएयू के अध्यक्ष प्रो. के. के. अग्रवाल ने शिक्षण सत्र 2025-26 के लिए प्रवेश प्रकिया की शुरुआत की है।
प्रोफेसर केके अग्रवाल ने कहा कि "साउथ एशियन यूनिवर्सिटी उच्च शिक्षा में नए मानक स्थापित करने की दिशा में अग्रसार है। नवीनतम शैक्षणिक कोर्स शुरु करने के साथ, हमारा उद्देश्य छात्रों को एक विकसित दुनिया में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए आवश्यक कौशल, ज्ञान और शोध क्षमताओं से लैस करना है। हमारे वर्चुअल कैंपस की शुरूआत समावेशिता और नवाचार के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। हमने यह सुनिश्चित करने के लिए भी पूरे सार्थक प्रयास किए हैं कि सार्क देशों के साथ-साथ भारत के छात्रों के पास इन अवसरों तक पहुँचने के लिए कई विकल्प खुलें।"
प्रो. अग्रवाल ने कहा कि एसएयू विस्तार के एक महत्वपूर्ण चरण से गुजर रहा है. नई दिल्ली के मैदान गढ़ी में एसएयू का अत्याधुनिक 100 एकड़ का स्थायी परिसर है जो एकोफेंडली वातवारण में बना हुआ है। इससे पहले 2022 तक एसएयू विदेश मंत्रालय के अकबर भवन में एक अस्थायी परिसर से संचालित होता था। नए परिसर में जाने के साथ ही विश्वविद्यालय ने शैक्षणिक और अवसंरचनात्मक विकास की एक महत्वाकांक्षी यात्रा शुरू कर दी है। 2023 तक विश्वविद्यालय ने केवल मास्टर और पीएचडी कार्यक्रम थे लेकिन 2024-25 के शैक्षणिक वर्ष में हमने कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग में बी.टेक शुरू करके एक बड़ा कदम आगे बढ़ाया है।
शिक्षण गुणवत्ता वैश्विक मानकों को पूरा करते हुए एसएयू ने अब 2025-26 शैक्षणिक सत्र के लिए कई नए कार्यक्रम शुरू किए हैं, जो इसके शैक्षणिक परिदृश्य को और व्यापक बनाते हैं और उच्च शिक्षा में एक प्रमुख संस्थान के रूप में इसकी स्थिति को मजबूत करते हैं। इस वर्ष विश्वविद्यालय ने विभिन्न विषयों में ऑन-कैंपस कार्यक्रमों के लिए लगभग 1,300 सीटें बढ़ायी हैं।
इस विस्तार का एक मुख्य आकर्षण उद्योग की माँगों को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किए गए विशेष बी.टेक कार्यक्रमों की शुरूआत है। कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग (सीएसई) में बी.टेक अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग, बिजनेस सिस्टम और इंटेलिजेंस, साइबर सिक्यूरिटी और डेटा साइंस और एआई में मांग में विशेषज्ञता प्रदान करता है।
इसके अतिरिक्त, एसएयू ने गणित और कंप्यूटिंग में बी.टेक शुरू किया है, जो छात्रों को उभरते तकनीकी क्षेत्रों के लिए आवश्यक उन्नत कम्प्यूटेशनल और विश्लेषणात्मक कौशल से लैस करने के लिए डिज़ाइन किया गया एक कार्यक्रम है। अंतःविषय शिक्षा चाहने वाले छात्रों के लिए विश्वविद्यालय ने एकीकृत कार्यक्रम शुरू किए हैं। इनमें अंतःविषय विज्ञान में एकीकृत बीएस-एमएस और एकीकृत बीबीए-एमबीए कार्यक्रम शामिल हैं। 2025-26 के लिए प्रवेश के शुभारंभ के साथ विश्वविद्यालय ने अकादमिक उत्कृष्टता और पहुँच के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।
एसएयू के उपाध्यक्ष प्रो. पंकज जैन ने कहा कि वैश्विक उच्च शिक्षा रुझानों के अनुरूप, विश्वविद्यालय ने चार वर्षीय स्नातक डिग्री पूरी करने वाले छात्रों के लिए एक वर्षीय मास्टर कार्यक्रम भी शुरू किए हैं। ये कार्यक्रम स्नातकोत्तर शिक्षा के लिए एक त्वरित लेकिन कठोर मार्ग प्रदान करते हैं, जिससे छात्रों को कम समय सीमा में उन्नत योग्यता के साथ कार्यबल में प्रवेश करने की अनुमति मिलती है।
इसके अतिरिक्त, विश्वविद्यालय ने एमबीए, कार्यरत पेशेवरों के लिए एक कार्यकारी एमबीए और एमसीए की शुरुआत करके अपने स्नातकोत्तर पेशकशों का विस्तार किया है। विश्वविद्यालय एमटैक,, एमएससी (कंप्यूटर विज्ञान), एमएससी जैव प्रौद्योगिकी, एमए समाजशास्त्र, एमए अंतर्राष्ट्रीय संबंध, एमए अर्थशास्त्र और एलएलएम के कोर्सेज चल रखे है, जिससे छात्रों के लिए कई विषयों में शैक्षणिक अवसरों की एक विविध श्रृंखला सुनिश्चित होती है। शोध और अकादमिक उत्कृष्टता पर विशेष ध्यान देने के साथ, एसएयू ने अपने पीएचडी कार्यक्रमों को भी मजबूत कर रहा है।
एसएयू में प्रवेश और परीक्षा निदेशक डॉ. कविता खन्ना ने कहा कि डिजिटल शिक्षा के लिए एसएयू की प्रतिबद्धता में एक प्रमुख मील का पत्थर इसके वर्चुअल कैंपस का शुभारंभ है, जो ऑनलाइन डिग्री और सर्टिफिकेट प्रोग्राम प्रदान करता है। 2025-26 शैक्षणिक सत्र के लिए आवेदन अब खुले हैं। विस्तृत प्रवेश प्रक्रिया, पात्रता और समय सीमा के लिए, कृपया www.sau.int पर जाएँ। प्रवेश के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 4 अप्रैल, 2025 है।