दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को स्पष्ट कर दिया कि अब राजधानी को ऑड-ईवन की जरूरत नहीं है। उन्होंने दिल्लीवालों को राहत देते हुए कहा कि अब मौसम साफ हो गया है और ऑड-ईवन की जरूरत नहीं है। मुख्यमंत्री ने पिछले हफ्ते में कहा था कि ऑड-ईवन को लागू रखने पर फैसला सोमवार को लिया जाएगा।
15 नवंबर को केजरीवाल ने कहा था कि बार-बार अनुरोध करने के बाद पड़ोसी राज्यों पंजाब और हरियाणा ने पराली जलाने से रोकने को लेकर कोई कदम नहीं उठाया है। उन्होंने कहा कि प्रदूषण रोकने के लिए जो भी संभव है वह दिल्ली सरकार कर रही है। दो दिन के इंतजार के बाद सरकार इस बारे में कोई फैसला करेगी।
‘अब मौसम साफ हो गया है, ऑड-ईवन की जरूरत नहीं’
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मीडिया से कहा कि अब मौसम साफ हो गया है। अब ऑड-ईवन की जरूरत नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि कुछ लोग कह रहे थे दिल्ली की हवा में केवल 5 फीसद ही फसलों का प्रदूषण है तो क्या केवल 5 प्रतिशत प्रदूषण कम होने से एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 500 से ज्यादा से 200 से कम हो गया? उन्होंने यह भी कहा कि प्रदूषण पर राजनीति नहीं, साफ नीयत से सबको मिलकर काम करने की जरूरत है।
केजरीवाल ने आगे सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार के हलफनामे का जिक्र भी किया। पिछले दिनों केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर कहा था कि दिल्ली के प्रदूषण में पराली का योगदान पांच प्रतिशत ही है। हालांकि, दिल्ली में इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं है, जिससे यह साफ हो सके कि प्रदूषण में किस चीज का कितना योगदान है।
‘दबाव के बावजूद अब चुनाव से पहले केंद्र ने काम शुरू किया’
कच्ची कॉलोनी के मुद्दे पर सीएम केजरीवाल ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि हम चार साल तक केंद्र सरकार पर दबाव बनाते रहे और हमने सेटेलाइट के नक्शे केंद्र सरकार को भेज दिए थे। लेकिन दबाव के बावजूद अब चुनाव से पहले केंद्र ने काम शुरू किया। किसी के बहकावे में मत आना। कोई वेबसाइट नंबर दे रहा है। कोई सर्टिफिकेट देता था, केजरीवाल आपको रजिस्ट्री दिलवाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कच्ची कॉलोनी को पक्की नहीं किया गया तो पूरी दिल्ली में आंदोलन होगा।
बता दें कि दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों दिल्ली सरकार को लताड़ लगाते हुए कहा था कि ऑड-ईवन कोई स्थायी समाधान नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि वो प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए दिल्ली में एयर प्यूरिफाइंग टावर लगाने के लिए रोडमैप बनाए। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि ऑड-ईवन स्कीम से प्रदूषण के स्तर में कोई बदलाव नहीं आया जबकि दिल्ली सरकार का कहना है कि इस स्कीम के चलते प्रदूषण के स्तर में 5-10 फीसदी की कमी आई है।