सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन (सीबीएसइ) की परीक्षाओं के प्रश्न पत्र कहां से और कैसे लीक हुए, इसका खुलासा हो गया है। झारखंड के चतरा जिले के एसपी एबी वारियर ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि प्रश्नपत्र पटना से व्हाट्सऐप पर चतरा आया था। इस सिलसिले में बिहार और झारखंड से 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। प्रभात खबर के मुताबिक, इसमें चतरा के कोचिंग सेंटर का संचालक और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) का नेता भी शामिल है।
Three people have been arrested under provisions of IPC; Nine who are underage have been detained under Juvenile Act. Probe by our SIT is still underway: Superintendent of Police Chatra, #Jharkhand on #CBSEPaperLeak pic.twitter.com/gAg1TrmALP
— ANI (@ANI) March 31, 2018
चतरा स्थित कोचिंग संस्थान ‘स्टडी विजन’ के संचालक एवं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के जिला संयोजक सतीश पांडेय समेत तीन आरोपियों को जेल भेज दिया गया है।
एसपी के मुताबिक, 9 नाबालिग छात्रों को भी गिरफ्तार किया गया है, जिन्हें हजारीबाग स्थित बाल सुधार गृह भेज दिया गया। उन्होंने बताया कि एसआइटी की टीम ने पटना के कृष्णा नगर से गया के शेरघाटी निवासी अमित कुमार व छपरा के आकाश कुमार को गिरफ्तार किया। दोनों के तार दिल्ली से जुड़े हैं। दोनों दिल्ली के शिक्षा माफियाओं की मदद से सीबीएसइ बोर्ड परीक्षा देने वाले बच्चों से पैसे लेकर अधिक नंबर दिलाने का काम करते थे। एसपी ने कहा कि पेपर लीक करने वाले मुख्य स्रोत की तलाश अभी जारी है। सीबीएसई पेपर लीक मामले में झारखंड के जिले चतरा की पुलिस ने निजी कोचिंग संचालक और दो शिक्षकों समेत नौ छात्रों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार नाबालिग छात्रों को पुलिस ने बाल सुधार गृह हजारीबाग और कोचिंग संचालक, दो शिक्षकों को जेल भेज दिया है।
एसपी ने बताया कि कोचिंग सेंटर के संचालक ने ही पैसे लेकर बच्चों को प्रश्न पत्र उपलब्ध करवाया था। कोचिंग सेंटर के संचालक ने 28 मार्च की परीक्षा के प्रश्नपत्र वहाट्सऐप के जरिये 27 मार्च को ही बच्चों तक पहुंचा दिये थे।
बता दें कि सीबीएसई दसवीं व बारहवीं की बोर्ड परीक्षाएं पांच मार्च से शुरू हुईं थीं। 12वीं के विद्यार्थियों ने 26 मार्च को अर्थशास्त्र की परीक्षा दी थी, जबकि 28 मार्च को 10वीं के विद्यार्थियों ने गणित की परीक्षा दी थी, लेकिन दोनों विषयों के प्रश्नपत्र परीक्षा शुरू होने से पहले ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गए थे। इस पेपर लीक की खबर मिलते छात्रों ने हंगामा मचाना शुरू कर दिया जिसके बाद सरकार ने इन्हें परीक्षाओं को रद्द कर दोबारा कराए जाने का ऐलान किया था।