दिल्ली पुलिस ने किसान आंदोलन के मुद्दे को हथियार बनाकर देश को बदनाम करने और माहौल खराब करने के लिए बनायी गयी ‘टूलकिट’ दस्तावेज के निर्माता और संपादकों की पहचान की है जिनमें दिशा रवि, निकिता जैकब, पुनीत और शांतनु शामिल है। इस मामले में दिशा गिरफ्तार हो चुकी है जबकि निकिता जैकब और शांतनु के खिलाफ पुलिस ने गैरजमानती वारंट जारी किया है।
दिल्ली पुलिस के साइबर सेल के संयुक्त आयुक्त प्रेम नाथ ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि इस मीटिंग में ट्विटर स्टॉर्म के लिए हैशटैग तय किया गया और पूरी योजना बनायी गयी। पुलिस का कहना है कि ये लोग जितना ज्यादा हो सके दुष्प्रचार करना चाहते थे।उन्होंने कहा कि टूलकिट साजिश में खालिस्तानी समर्थक पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन शामिल है। टूलकिट को जनवरी में बनाया गया ताकि आंदोलन को बढ़ाया जा सके। इसे विदेशों में ले जाया सके और विदेशों में भारत के दूतावास को निशाना बनाने की योजना थी।
उन्होंने कहा कि इस मामले में दिशा रवि को गिरफ्तार किया गया है और तीन की तलाश जारी है। इस मामले में पुलिस ने निकिता जैकब और शांतनु के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया है।
दिल्ली पुलिस ने बताया कि 11 जनवरी को निकिता, शांतनु जैकब, दिशा और अन्य लोग एक जूम मीटिंग में शामिल हुए। यह मीटिंग पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन की ओर से संचालित की गई थी। इस जूम मीटिंग के बाद टूलकिट दस्तावेज तैयार किया गया था। उन्होंने खुलासा किया कि दिशा रवि ने पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग तक टूलकिट दस्तावेज टेलीग्राम ऐप के माध्यम से पहुंचाया था। इसके अलावा उसने एक वाट्सऐप ग्रुप भी बनाया था ताकि उस टूलकिट को अन्य लोगों के बीच फैलाया जा सके। बाद में इस ग्रुप को डिलीट कर दिया गया। निकिता जैकब 'टूलकिट' दस्तावेज के संपादकों में से एक थीं। दिशा रवि और निकिता जैकब के साथ, शांतनु ने 'टूलकिट' बनाई और दूसरों को भेजी।
गौरतलब है कि चार फरवरी को दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने टूलकिट दस्तावेज तैयार करने वाले अज्ञात लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज किया था। तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली से लगी सीमाओं पर किसानों के प्रदर्शन को समर्थन देते हुए जलवायु परिवर्तन कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने यह ‘टूलकिट’ गलती से साझा कर दी थी।