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परीक्षा में अनुचित साधनों का प्रयोग करने का वादा करने के आरोप में यूएसटीएम के चांसलर और पांच शिक्षकों को न्यायिक हिरासत में भेजा

छात्रों को परीक्षा में अनुचित साधनों का प्रयोग करने का वादा करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए मेघालय...
परीक्षा में अनुचित साधनों का प्रयोग करने का वादा करने के आरोप में यूएसटीएम के चांसलर और पांच शिक्षकों को न्यायिक हिरासत में भेजा

छात्रों को परीक्षा में अनुचित साधनों का प्रयोग करने का वादा करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए मेघालय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (यूएसटीएम) के चांसलर महबूबुल हक को असम के श्रीभूमि जिले की एक स्थानीय अदालत ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

मामले में पेश हुए वकीलों ने बताया कि हक और जिले के पाठकंडी स्थित एक स्कूल के पांच शिक्षकों को स्थानीय अदालत ने शनिवार को देर रात सुनवाई के बाद 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। यूएसटीएम के चांसलर ईआरडी फाउंडेशन भी चलाते हैं, जो पथरकंडी स्थित एक स्कूल समेत विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों का संचालन करता है। उन्हें शनिवार को तड़के उनके गुवाहाटी स्थित आवास से गिरफ्तार कर श्रीभूमि ले जाया गया।

शुक्रवार को आरोप सामने आने के बाद स्कूल के पांच शिक्षकों को भी गिरफ्तार कर लिया गया कि दूसरे जिलों के छात्र “उच्च अंक प्राप्त करने के लिए अनुचित साधनों के उपयोग का आश्वासन” मिलने के बाद वहां अपनी कक्षा-12 की सीबीएसई बोर्ड परीक्षा दे रहे थे। एक वकील ने कहा, “पुलिस ने आरोपी के लिए सात दिनों की हिरासत मांगी थी। लेकिन, अदालत ने फैसला सुनाया कि आरोपी को पुलिस के साथ न्यायिक हिरासत में भेजा जाए ताकि जरूरत पड़ने पर जेल में उनसे पूछताछ की जा सके।”

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने हक की गिरफ्तारी पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि उन्हें एक “बड़े नेटवर्क” के बारे में पता है, जो अनुचित साधनों के जरिए छात्रों को उच्च अंक दिलाने का वादा करता है। उन्होंने दावा किया कि इस तरह के धोखाधड़ी के उपाय सीबीएसई द्वारा आयोजित परीक्षाओं तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं में भी हो रहे हैं। सरमा ने यह भी आरोप लगाया कि हक एक “बड़ा धोखेबाज है, उसका पूरा इतिहास ही धोखाधड़ी का है”।

हक पिछले साल भी अपने ओबीसी प्रमाण पत्र को लेकर विवाद में घिरे थे, जिसे उन्होंने 1990 के दशक में श्रीभूमि जिले में “धोखाधड़ी” से हासिल किया था। सरमा ने अगस्त 2024 में कहा था कि ओबीसी प्रमाण पत्र को धोखाधड़ी से प्राप्त करने के आरोप में यूएसटीएम चांसलर के खिलाफ पुलिस मामला दर्ज किया जाएगा, जिसे बाद में रद्द कर दिया गया था। मुख्यमंत्री ने यूएसटीएम और हक को गुवाहाटी के खिलाफ "बाढ़ जिहाद" के लिए भी जिम्मेदार ठहराया था, उन्होंने कहा था कि शहर से सटे एक पहाड़ी पर स्थित विश्वविद्यालय परिसर से बहने वाला पानी बड़े पैमाने पर बाढ़ का कारण बनता है।

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