वेदांता एल्युमीनियम ने जमीनी स्तर पर खेलों को मजबूत करने और भविष्य के चैंपियंस तैयार करने की दिशा में एक बड़ी पहल की है। वेदांता ने ओडिशा के कालाहांडी में प्रमुख तीरंदाजी प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए प्रसिद्ध ओलंपियन और राष्ट्रमंडल स्वर्ण पदक विजेता राहुल बनर्जी के साथ साझेदारी की घोषणा की है। इसका मकसद प्रतिष्ठित खेल मंचों के लिए उच्च क्षमता वाले आदिवासी समुदाय के 80 युवा तीरंदाजों को प्रशिक्षित करना है।
राहुल बनर्जी ने ओलंपिक, राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई चैंपियनशिप सहित 50 से अधिक अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। वे राष्ट्रमंडल खेलों और 2009-2010 में एशियाई ग्रैंड प्रिक्स में व्यक्तिगत स्वर्ण पदक हासिल करने वाले पहले भारतीय तीरंदाज हैं और आठ बार के राष्ट्रीय चैंपियन हैं। उनकी सलाह से तीरंदाजी प्रशिक्षण कार्यक्रम को काफी मजबूती मिलेगी और कालाहांडी के होनहार एथलीटों के लिए प्रेरणा का काम करेगी।
साझेदारी के बारे में बात करते हुए, राहुल बनर्जी ने कहा, "भारतीय तीरंदाजों की अगली पीढ़ी को आकार देने में वेदांता के साथ काम करना सम्मान की बात है। कालाहांडी के युवा सही प्रशिक्षण मिलने पर वैश्विक मंच पर चमकने की क्षमता रखते हैं। मुझे खुशी है कि वेदांता कालाहांडी में जमीनी स्तर के खेलों को बढ़ावा दे रहा है, जिससे दूरदराज के क्षेत्रों से कई महत्वाकांक्षी और प्रतिभाशाली तीरंदाज सामने आ रहे हैं।"
इस अवसर पर वेदांता एल्युमीनियम के सीईओ राजीव कुमार ने बताया कि 2018 में अपनी स्थापना के बाद से, लांजीगढ़ में वेदांता स्पोर्ट्स ट्रेनिंग इनिशिएटिव कालाहांडी में वंचित समुदायों से खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। यह कार्यक्रम तीरंदाजी और अन्य खेलों में व्यापक कोचिंग प्रदान करता है, जिसमें गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण उपकरण, वर्दी और विशेषज्ञ के नेतृत्व वाले कोचिंग शिविरों तक पहुंच शामिल है। इस कार्यक्रम के तहत अब तक 100 से अधिक युवा तीरंदाजों को प्रशिक्षित किया गया है, जिन्होंने पिछले साल ही राज्य और राष्ट्रीय चैंपियनशिप में 40 से अधिक पदक जीते हैं।
राजीव कुमार ने कहा कि कभी अपनी गरीबी और अविकसितता के लिए बदनाम कालाहांडी पिछले दो दशकों में एक उल्लेखनीय परिवर्तन से गुजरा है, जिसमें लांजीगढ़ में वेदांता की उपस्थिति एक प्रमुख उत्प्रेरक के रूप में काम कर रही है। 2003 में वेदांता की ग्रीनफील्ड एल्यूमिना रिफाइनरी के चालू होने से सामाजिक-आर्थिक तरक्की को बढ़ावा मिला, जिससे पूरे जिले में बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, रोजगार और आजीविका सृजन में प्रगति हुई है। आज वेदांता अस्पताल जैसी आधुनिक स्वास्थ्य सुविधा, डीएवी वेदांता इंटरनेशनल स्कूल जैसे शैक्षिक उपक्रम और महिलाओं और युवाओं के लिए सखी जैसे कौशल निर्माण कार्यक्रम काफी लोगों तक पहुंच रहे हैं।