चीन के साथ डोकलाम विवाद को सुलझाने में अहम भूमिका निभाने वाले अनुभवी राजनयिक विजय केशव गोखले ने सोमवार को विदेश सचिव का पदभार संभाल लिया है। उन्होंने एस जयशंकर का स्थान लिया है।
भारतीय विदेश सेवा के 1981 बैच के अधिकारी गोखले को चीन से जुड़े मसलों का विशेषज्ञ माना जाता है। उन्होंने पिछले साल भारत और चीन की सेनाओं के बीच डोकलाम विवाद को हल कराने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। भारतीय विदेश सेवा के 1981 बैच के अधिकारी गोखले फिलहाल विदेश मंत्रालय में सचिव (आर्थिक संबंध) हैं।ॉ
Vijay Gokhale took over as Foreign Secretary of India. He was Secretary (ER) at the Ministry before taking up his present assignment. pic.twitter.com/bO5eqwkybn
— ANI (@ANI) January 29, 2018
गोखले 20 जनवरी 2016 से 21 अक्टूबर 2017 तक चीन में भारत के राजदूत भी रहे। इसके बाद वे नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय के मुख्यालय आ गए। एस जयशंकर की जगह पर नियुक्त हुए गोखले का विदेश सचिव के तौर पर दो वर्ष का कार्यकाल होगा।
कौन हैं विजय गोखले
विजय गोखले भारतीय विदेश सेवा के 1981 बैच के अधिकारी हैं। वे चीन मामलों के विशेषज्ञ भी हैं। इन्होंने डोकलाम विवाद को खत्म कराने में अहम भूमिका निभाई। 20 जनवरी 2016 से 21 अक्तूबर 2017 तक चीन में भारत के राजदूत भी रहे। अक्टूबर 2013 से जनवरी 2016 तक जर्मनी में भारत के शीर्ष राजनयिक के तौर पर सेवा दी। उन्होंने हांगकांग, हनोई और न्यूयॉर्क में भारतीय मिशनों में भी काम किया है। विदेश मंत्रालय में चीन और पूर्वी एशिया के निदेशक और पूर्वी एशिया के सचिव के पद भी रह चुके हैं।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने विदेश सचिव पद पर गोखले की नियुक्ति को मंजूरी दी थी। एस जयशंकर को 2015 में विदेश सचिव नियुक्त किया गया था। जिन्होंने सुजाता सिंह की जगह ली थी। 1977 बैच के आईएफएस अधिकारी जयशंकर के कार्यकाल को पिछले साल जनवरी में एक साल का विस्तार दिया गया था।